नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रदेश में शिक्षा के स्तर को आगे ले जाने की बात कही जाती है, कहा जाता है कि प्रदेश के हर गांव में शिक्षा का मंदिर यानी प्राइमरी स्कूल मौजूद है। पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में आज भी एक गांव ऐसा है जहां गांव के बच्चों के पढ़ने के लिए प्राइमरी स्कूल तक नहीं है, गांव के लोगों का कहना है कि आजादी से लेकर आज तक गांव में कोई भी प्राइमरी स्कूल नहीं बना है। गांव अठोली के बच्चे दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में पढ़ने जाते हैं, गांव के लोगों व ग्राम प्रधान के साथ मिलकर लगातार 4 साल के कड़े प्रयास व मेहनत के बाद अब गांव में होगा प्राइमरी स्कूल।
बता दे बुलंदशहर तहसील का गांव अठोली शहर के बेहद नजदीक होने के बावजूद गांव में आजादी से लेकर आज तक कोई भी प्राइमरी स्कूल नहीं बना हैै, गांव की आबादी तकरीबन 4 हजार है, गांव के मासूम बच्चे मीलों पैदल चलकर शिक्षा ग्रहण करने दूसरे गांव में जाते हैं, कड़ी मेहनत और तमाम जद्दोजहद के बाद आखिरकार ग्राम प्रधान ने सरकार की मदद लेते हुए प्राइमरी स्कूल का सेक्शन करा दिया है और काम भी जोरों से चल रहा है। ग्राम प्रधान का कहना है कि जो भी ऐसे गांव हैं जहां पर शिक्षा का मंदिर यानी कि स्कूल नहीं है वह लोग अपने गांव में स्कूल होने का सपना बिल्कुल पूरा कर सकते हैं, बस उनको थोड़ी सी मेहनत करते हुए अपने गांव की तस्वीर सरकार की नजरों में लानी है सरकार उसके बाद यकीनन गांव में मदद पहुंचाई जाएगी। फिलहाल गांव में सभी लोग खुश हैं और इंतजार कर रहे हैं उस दिन का जब गांव में प्राइमरी स्कूल बनकर तैयार होगा और गांव के बच्चे गांव में रहते हुए ही शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे और भविष्य में अपने और अपने माँ बाप के सपने पूरे करते हुए, अपने पैरों पर भी खड़े हो पाएंगे।