नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक ही छत के नीचे स्वास्थ्य सेवा देने के लिए शासन के निर्देश पर दूसरे रविवार को आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। जिले के ६६ स्थानों पर लगे मेले में ५७९३ मरीजों ने उपचार कराया। वहीं, दूसरे मेले के आयोजन में फिर विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी खलती नजर आई।
गत वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते स्थगित हुआ मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले १० माह बाद १० जनवरी से पुन: शुरू कर दिया गया था। जिसके बाद दूसरे रविवार को ७१ की जगह ६६ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले आयोजित किया गया। नोडल अधिकारी डॉ. नरेश गोयल ने बताया कि आरोग्य स्वास्थ्य मेला चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। जिसमें गर्भवती महिलाओं की जांच, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सेवाएं, ओपीडी और टीकाकरण, बीपी, टीबी, डेंगू, मलेरिया, बुखार आदि की जानकारी एवं जांच के साथ उपचार, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान की जानकारी एवं पात्र लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड का वितरण और तंबाकू सेवन को रोकने के लिए जागरूकता आदि की सेवाएं दी गई। साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए एंटीजन किट से लोगों की जांच और थर्मल स्क्रीनिंग आदि भी कराई गई। मेले में ५७९३ मरीजों का निशुल्क उपचार किया गया। जिसमें १९९१ पुरुष, २८९३ महिलाएं और ९०९ बच्चे शामिल रहे। साथ ही ८०५ लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए गए और ८१६ लोगों की एंटीजन किट से जांच की गई। वहीं, विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने पर मरीजों को बैरंग भी लौटना पड़ा।
जिले के ६६ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। जिसमें आयुर्वेद और होम्योपैथिक के चिकित्सकों का भी सहयोग लिया गया। – डॉ. भवतोष शंखधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी