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उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल और लापरवाही के चलते दो मरीजों की हुई मौत, सीएम योगी ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिया यह सख्त आदेश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इसकी वजह से मरीजों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ीं। फतेहपुर में एंबुलेंस के इंतजार में दो मरीज की मौत हो गई। इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरीजों को परेशानी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि लापरवाही के कारण यदि किसी रोगी की मृत्यु हुई तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

सीएम ने टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि हर मरीज को तत्परता से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। समय से एंबुलेंस न मिले हो तो एंबुलेंस प्रोवाइडर पर कड़ी कार्रवाई करें। इसबीच,  एंबुलेंस संचालनकर्ता जीवीके ईएमआरआई ने 13 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। संघ के 11 पदाधिकारियों पर एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। हड़ताल खत्म करने के लिए देर रात तक बातचीत का दौर चला लेकिन कर्मचारी अभी अड़े हैं।

11 कर्मियों पर एस्मा एक्ट लगा, आशियाना थाने में एफआईआर

एंबुलेंस की हड़ताल के लिए कर्मचारियों को बरगलाने वाले एंबुलेंस कर्मचारी संघ के 11 पदाधिकारियों पर एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। जीवीके ने इस मामले में आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है, साथ ही कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। मुकदमा दर्ज होने और बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद भी एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर अड़े हुए हैं।  देर रात तक जीवीके, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के बीच बैठक चली इसमें वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया गया।

सेवा प्रदाता जीवीके ने पुलिस अफसरों से कहा है कि आरोपी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाये। वहीं  एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय के मुताबिक हड़ताल वापस लिए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। कम्पनी ने फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। कंपनी ने जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया है उनमें हनुमान पांडेय, सुशील पांडेय, शरद यादव, सुनील सचान, प्रवीण मिश्रा, सतेन्द्र कुमार, बृजेश कुमार, गिरजेश कुमार, जयशंकर मिश्रा, महेन्द्र सिंह, नीतीश कुमार, रितेश शुक्ला, विनय तिवारी सहित अन्य हैं।

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क्या है पूरा मामला

प्रदेश में सरकारी एंबुलेंस का संचालन जीवीकेईएमआरआई कर रही है। बीते दिनों एएलएस एंबुलेंस के संचालन को लेकर टेंडर हुआ। दूसरी कंपनी को टेंडर मिला। तहरीर में कहा गया है कि एएलएस कर्मचारियो द्वारा नई कंपनी में नियोजन के मामले को स्पष्ट करने के लिए मांग उठाई। इसके बाद कर्मचारी ने चक्का जाम कर दिया। सोमवार से जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 एंबुलेंस संघ ने एंबुलेंस का चक्का जाम करा दिया। इससे मरीजों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। जीवीके इएमआरआई के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी की  संघ के 11 पदाधिकारियों को हड़ताल के लिए जिम्मेदार माना। इन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया है।

40 एंबुलेंस का संचालन शुरू

अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ सीएमओ के अधीन में 40 एंबुलेंस का संचालन हो रहा है। बुधवार को 25 एंबुलेंस और चालू हो जाएंगी। अधिकारी 108 व 102 एंबुलेंस चालू करने को लेकर नई रणनीति तैयार कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग में मैन पावर की आपूर्ति करने वाली संस्थाओं से वार्ता की जा रही है। इनके माध्यम से ड्राईवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) आउटसोर्सिंग से तैनात किए जाएंगे। जो एंबुलेंस का संचालन करेंगे।

प्रदेश भर में परेशानी

एंबुलेंस हड़ताल के चलते मंगलवार को फतेहपुर में हादसे में घायल बैंककर्मी और एक बीमार वृद्धा की मौत हो गई। वहीं सीतापुर, बाराबंकी, बहराइच, गोण्डा आदि कई जिलों में निजी एंबुलेंस चालकों ने मनमाना किराया वसूला।

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