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ऑस्ट्रेलिया पूर्ण टीकाकरण वाले विदेशी विद्यार्थियों, कामगारों के स्वागत के लिए तैयार

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ऑस्ट्रेलिया की सरकार उम्मीद कर रही है कि जब देश अगले सप्ताह महामारी प्रतिबंधों में और ढील दे देगा तब टीकाकरण पूरा करा चुके दो लाख विदेशी विद्यार्थी और कुशल कामगार जल्द से जल्द देश लौट आएंगे और उन्हें पृथक-वास में रहने की जरूरत नहीं होगी। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को कहा कि एक दिसंबर से, छात्रों, कुशल श्रमिकों और कामकाजी छुट्टियों पर यात्रियों को सिडनी और मेलबर्न हवाई अड्डों पर यात्रा प्रतिबंध से छूट मांगे बिना उतरने की अनुमति दी जाएगी।

मॉरिसन ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में कुशल श्रमिकों और विद्यार्थियों की वापसी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के हमारे रास्ते में मील का एक प्रमुख पत्थर है। यह इस लिहाज से महत्त्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलियाई लोग क्या हासिल करने में सक्षम हैं और हमें क्या-क्या करने में मदद कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार को जनवरी तक दो श्रेणियों में 2,00,000 लोगों के लौटने की उम्मीद है। जापान और दक्षिण कोरिया के टीका लगवा चुके नागरिकों को पृथक-वास में रहने की जरूरत के बिना और मानवीय आधार पर वीजा पाने वाले लोगों को भी लौटने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन सरकार ने अभी इस बारे में फैसला नहीं किया है कि आम पर्यटकों को लौटने की अनुमति कब दी जाएगी।

टीकाकरण पूरा करवा चुके यात्रियों को जहां ऑस्ट्रेलिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों, न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया में बिना पृथक-वास आवश्यकता के लौटने की इजाजत होगी वहीं, देश के कुछ हिस्सों में कम टीकाकरण दर के कारण सीमाओं पर महामारी संबंधी प्रतिबंध लागू रहेंगे। परेशान करने वाली और लड़खड़ाती शुरुआत के बाद, ऑस्ट्रेलिया के टीकाकरण अभियान ने गति पकड़ ली है। 16 वर्ष और उससे अधिक आयु की 85 प्रतिशत से अधिक आबादी को अब पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। इससे पहले, आज सुबह ऑस्ट्रेलिया ने महामारी संबंधी अपने कड़े यात्रा प्रतिबंधों में अगले महीने से ढील देने की घोषणा की। इस फैसले से हजारों भारतीय छात्रों को भी ऑस्ट्रेलिया लौटने में मदद मिलने की उम्मीद है।

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इसी बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए यह स्वागत योग्य फैसला है। ऑस्ट्रेलिया सरकार कोवैक्सीन को भी कोरोना वैक्सीनों की मान्यता दे दी है जिससे भारतीय छात्रों को अपने शिक्षण संस्थानों में वापसी सुनिश्चित हो गई है।

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