Home Breaking News कंपनी इकरा ने कहा – प्रभावित हो सकती है एनबीएफसी और एचएफसी द्वारा बांटे गए कर्ज की गुणवत्ता
Breaking Newsव्यापार

कंपनी इकरा ने कहा – प्रभावित हो सकती है एनबीएफसी और एचएफसी द्वारा बांटे गए कर्ज की गुणवत्ता

Share
Share

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों से खुदरा लोन की गुणवत्ता को लेकर चिंता फिर बढ़ गई है। निवेश से संबंधित सूचना देने वाली कंपनी इकरा ने कहा है कि खासतौर पर गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) द्वारा बांटे गए कर्ज की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। एक रिपोर्ट में इकरा का कहना है कि आवाजाही पर प्रतिबंधों के चलते एनबीएफसी की वैसी वसूली पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा जो बहुत छोटी मात्रा की हैं और जिनमें अभी भी नकद में लेनदेन काफी ज्यादा होता है।

इकरा के मुताबिक अगर राज्यों के बीच आवाजाही को फिर से बंद किया गया तो वाणिज्यिक वाहनों के लोन पर भी दबाव दिख सकता है। महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कई अन्य क्षेत्रों में गैर-आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही बंद की दी गई है। ऐसे में वाणिज्यिक वाहनों का परिचालन करने वाली कंपनियां अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रही हैं। इससे वाणिज्यिक वाहनों के कर्ज की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।

हालांकि, एजेंसी का मानना है कि इस चुनौतीपूर्ण दौर में भी हाउसिंग लोन सेक्टर सबसे जीवंत रहने वाला है, जैसा कि पिछले वर्ष भी ऐसे संकटपूर्ण माहौल में दिखा था। इसकी वजह यह है कि यह सुरक्षित लोन माना जाता है और ग्राहक भी इसे चुकाने को प्राथमिकता देते हैं।

इकरा के वाइस प्रेसिडेंट व स्ट्रक्चर्ड फाइनेंस रेटिंग्स प्रमुख अभिषेक डफरिया ने कहा कि वर्तमान में सभी पाबंदियां स्थानीय स्तर तक सिमटी हुई हैं और उतनी ज्यादा कठिन नहीं हैं। लेकिन कोरोना की तीव्रता लगातार भयावह हो रही है क्योंकि इसे नियंत्रण में लाया जाना अभी बाकी है।

See also  अंडरवर्ल्‍ड डॉन छोटा राजन की कोरोना से मौत

बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून, 2020 में सिक्युरिटीज वॉल्यूम गिरकर 7,500 करोड़ रुपये रह गया था। इसकी वजह यह थी कि केंद्र सरकार ने मार्च के चौथे सप्ताह में देशव्यापी लॉकडाउन लगा दिया था। हालांकि, लॉकडाउन में छूट के बाद से इसमें तेजी देखी गई और बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही यानी जनवरी-मार्च, 2021 में यह 40,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

इकरा का मानना है कि कोरोना की इस दूसरी लहर में सिक्युरिटीज वॉल्यूम में फिर तेज गिरावट दिख सकती है। इसकी वजह यह है कि एनबीएफसी व एचएफसी बहुत सोच-समझकर और परखकर लोन देंगी।

Share
Related Articles
Breaking Newsव्यापार

क्या है ‘एक राज्य, एक RRB’ योजना? एक मई से बनने जा रही हकीकत; बैंकों पर क्या होगा असर

हैदराबाद: भारत सरकार की ‘एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक’ योजना 1 मई, 2025...

Breaking Newsखेल

PSL के खाली स्टेडियम में भी IPL की ही धूम, फैन ने ऐसे उठाया मैच का मजा

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल का खुमार सब पर चढ़ा है. पूरी...