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कम क्रेडिट स्‍कोर के बावजूद कैसे पा सकते हैं लोन?

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नई दिल्ली। सिबिल स्कोर (CIBIL Score) 300 से 900 के बीच का एक नंबर होता है, जो वित्तीय संस्थानों के साथ आपके लेनदेनों पर आधारित होता है। सिबिल स्कोर जितना उच्च होता है, आपको लोन मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है और शर्ते भी उतनी ही आसान हो जाती हैं। हालांकि, अगर आपने पहले कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड (credit card) नहीं लिया है, तो आपका क्रेडिट स्कोर शून्य हो सकता है।

टैक्स एवं निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन के अनुसार, ग्राहक को कोई भी क्रेडिट सुविधा प्रदान करने से पहले ऋणदाता खुद को संतुष्ट करना चाहता है कि उधारकर्ता लोन को नियत समय में चुका देगा। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो क्रेडिट स्कोर के माध्यम से ऋणदाताओं की इस समस्या का समाधान करता है। जिस ग्राहक का क्रेडिट स्कोर 750 से अधिक होता है, उसे ऋण देने में ऋणदाता सहज होते हैं।

क्या बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले व्यक्ति को भी मिल सकता है लोन? जैन के अनुसार, यद्यपि क्रेडिट स्कोर ऋणदाताओं के लिए उधारकर्ताओं को ऋण देने पर विचार करने की दिशा में एक शुरुआती बिंदु है, लेकिन यह एकमात्र मापदंड नहीं है, जिसे देखकर ऋणदाता लोन देते हैं। इसलिए अगर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो भी आप ऋणदाताओं से होम लोन ले सकते हैं, लेकिन आपको ऋणदाता को अधिक दस्तावेज देने होंगे, जिससे ऋणदाता समय पर ईएमआई के भुगतान की आपकी क्षमता और आपके इरादे के बारे में संतुष्ट हो सके।

जैन के अनुसार, ऐसी परिस्थिति में आपकी शैक्षणिक योग्यता और जॉब प्रोफाइल ऋणदाता द्वारा उपयोग लिये जाने वाले महत्वपूर्ण मानदंड होते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप डॉक्टर या एक सीए हैं, तो यह आपकी नियमित आय को सुनिश्चित करता है। ऋणदाता इस तरह की योग्यताओं के साथ सहज होते हैं। इसी तरह अगर कोई सरकार में उच्च पद पर है जैसे कि आईएएस या आईपीएस है, तो उसे पिछली क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने के बावजूद भी होम लोन मिलने की पूरी संभावना है।

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अगर आपकी सरकारी नौकरी या उच्च शैक्षणिक योग्यता नहीं है, तो भी आपको होम लोन मिल सकता है। ऐसे मामलों में ऋणदाता आपकी आर्थिक स्थिति को जानने के लिए आपसे पिछले कुछ वर्षों के बैंक स्टेटमेंट्स मांग सकते हैं। अगर वहां सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) जैसे निवेश के लिए नियमित रूप से डेबिट की जानकारी मिलती है, तो इससे ऋणदाता आपकी बचत की आदत के बारे आश्वस्त हो सकते हैं। बैंक आपके बैंकिंग लेनदेन की विस्तार से जांच भी कर सकते हैं, यह समझने के लिए कि आप बिजली बिल या मोबाइल बिल जैसे यूटिलिटी बिल का भुगतान नियमित रूप से करते हैं या नहीं। इससे ऋणदाता को आपके बैंकिंग लेनदेन की नियमितता के बारे में जानकारी मिलती है।

अगर आप किराये की जगह पर रह रहे हैं, तो वे आपके किराये के भुगतान की नियमितता के बारे में भी वेरीफाई कर सकते हैं। आपकी खर्च और बचत की आदतों के बारे में आपके बैंक स्टेटमेंट्स से जाना सकता है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि आप समय पर लोन को चुकाने में सक्षम रहेंगे या नहीं। बैंक आपसे ऐसे किसी व्यक्ति से गारंटी दिलाने के लिए भी कह सकते हैं, जिसकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। ये कुछ ऐसे वैकल्पिक मापदंड हैं, जिनका उपयोग नियमित क्रेडिट रिपोर्ट्स के अभाव में ऋणदाता द्वारा किया जा सकता है। हालांकि, ये मापदंड परिपूर्ण नहीं हैं और हर बैंक के अलग-अलग आंतरिक मापदंड हो सकते हैं।

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