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कर्नल बेटा मरीजों की जान बचाने में व्यस्त, न आ सका बीमार माँ से मिलने

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लखनऊ। एक तरफ कोरोना से संक्रमित मरीजो की जान बचाने के लिए सामने फर्ज था, और दूसरी तरफ जीवन और मृत्यु के बीच मां थी। मां इधर अस्पताल में जीवन से संघर्ष कर रही थी और दूसरी ओर बेटा दिल्ली के डीआरडीओ अस्पताल में गंभीर मरीजों को नई जिंदगी दे रहा था। मां के गंभीर रूप से बीमार होने की सूचना बेटे को मिली। बेटे ने खुद को संभाला और मां के पास लखनऊ आने को इसलिए मना कर दिया क्योंकि दिल्ली में कई कोरोना मरीजों की सांस का संकट गहराता जा रहा था। शनिवार को कमांड अस्पताल में भर्ती उनकी 70 साल की मां ने आखिरी सांसे ली।

दिल्ली के डीआरडीओ अस्पताल में कोरोना मरीजों की जान बचाने वाले कर्नल गुलशन सैनी कुछ दिन पहले तक लखनऊ छावनी स्थित एएमसी सेंटर केंद्र व कॉलेज में तैनात थे। दिल्ली में जब कोरोना बढ़ा तो डीआरडीओ को वहां एक आधुनिक अस्पताल बनाने के आदेश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिए। सेना के विशेषज्ञ डॉक्टर कर्नल गुलशन सैनी को दिल्ली के डीआरडीओ अस्पताल की स्थापना की जिम्मेदारी सौपी गई। लखनऊ में परिवार में 70 साल की मां, दो बच्चे और पत्नी को छोड़कर वह दिल्ली चले गए। उनका परिवार लखनऊ छावनी के सरकारी बंगले में रहता है। कर्नल गुलशन सैनी की मां को कोरोना का संक्रमण हो गया। उनको कोविड निमोनिया होने के बाद कमांड अस्पताल में उनको भर्ती कराया गया था। उनको हालत गंभीर होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसकी सूचना कर्नल गुलशन सैनी को दी गई।

कर्नल सैनी जिस डीआरडीओ अस्पताल में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहां बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित रोगी भर्ती हैं। उन रोगियों की जान बचाने के लिए कर्नल सैनी ने लखनऊ आने से मना कर दिया। शनिवार को लखनऊ के कमांड अस्पताल में कर्नल गुलशन सैनी की मां की मौत हो गई। कर्नल गुलशन सैनी की कर्तव्यपरायणता पर भारतीय सेना के पूर्व महानिदेशक मिलिट्री आपरेशन (डीजीएमओ) ले. जनरल विनोद भाटिया (अवकाशप्राप्त) सहित कई अफसरों ने सोशल मीडिया पर उनको सैल्यूट किया है।

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