आधार, एटीएम और मनी ट्रांसफर की सुविधा के नाम पर मनी वॉलेट चलाने वाली कंपनी का एप डाउनलोड कराकर शातिर ठगों ने क्लोन फिंगरप्रिंट से कम्पनी के 400 ग्राहकों के खाते से करीब 14.12 लाख की ठगी की। बैंक ने कंपनी के अधिकारियों को जानकारी दी। मामले में साइबर सेल में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। जून में हुई घटना के बाद रविवार को रायपुरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
रेडमिल बिजनेस मॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकृत लीगल एंड कम्पलायंस अफसर नवीन खेराजनी ने बताया कि कंपनी का रायपुरवा में हेड ऑफिस है। यह कंपनी आधार, एटीएम और मनी ट्रांसफर की सुविधा अपने ग्राहकों को देती है। मनी वॉलेट के लिए पेमेंट गेटवे उपलब्ध कराती है। कंपनी का एप डाउनलोड कर वेरीफिकेशन के बाद अलग-अलग शहरों के लोग कंपनी के एजेंट बनाए गए हैं, जो ग्राहकों को सुविधा उपलब्ध कराते हैं। नवीन ने बताया कि तीन ट्रस्टों के नाम पर कम्पनी के ग्राहकों को ठगी का शिकार बनाया गया। तीन फेक आईडी से कोई शातिर कंपनी का एजेंट बन गया, जिसने आधार एटीएम का इस्तेमाल किया। शातिर ने ग्राहकों का फिंगर प्रिंट क्लोन बना लिया। इसके बाद 18 मई 2021 से 15 जून 2021 के बीच करीब 400 लागों के खातों से करीब 14.12 लाख रुपये पार कर दिए।
कंपनी ने बैंक का डिटेल निकलवाया
कंपनी ने जब बैंक का डिटेल निकलवाया तो पता चला कि शातिर आंध्र प्रदेश का रहने वाला है। वहीं के खातों में काफी रकम ट्रांसफर की गई है। उन्होंने इस पैसे को ट्रांसफर करने के लिए तीन ट्रस्ट के नाम का इस्तेमाल किया। इसमें केयर लाइफ चेरीटेबल ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और श्री सिद्धिविनायक गणेश टेम्पल ट्रस्ट के नाम का इस्तेमाल किया गया है। रायपुरवा इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है।
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