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कानपुर के कारोबारी की हत्या की सीबीआई जांच शुरू

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गोरखपुर। मनीष हत्याकांड का मामला सीबीआई के पास जाने के बाद कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने कहा कि अभी जंग का दूसरा चरण पूरा हुआ है। ईश्वर करे कि जल्द ही तीसरा चरण भी पूरा होगा। कानपुर के व्‍यसायी मनीष गुप्‍ता इस साल सितंबर के अखिरी सप्‍ताह में दो दोस्‍तें के साथ गोरखपुर घूमने आए थे। 27 सितंबर की रात वह रामगढ ताल इलाके में होटल कृष्‍णा पैलेसे में रुके थे। रात में रामगढ ताल थाने की पुलिस होटल चेक करने पहुंची। पुलिस टीम सीधे मनीष के कमरे में पहुंची। इस बीच मनीष और पुलिस वालों से विवाद हो गया था। इसी दौरान मनीष की मौत हो गई थी। इस मामले में तत्‍कालीन इंस्‍पेक्‍टर तीन दारोगा और दो सिपाहियों पर हत्‍या का मुकदमा दर्ज है।

न्‍याय के लिए लडाई को तीन चरणों में बांटा

मीनाक्षी ने बताया कि अपने पति को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने जंग को तीन चरणों में बांट दिया था। पहला चरण था हत्यारोपितों पर मुकदमा। दूसरा चरण था सीबीआई जांच। तीसरा चरण है हत्यारोपितों को सजा। उन्होंने कहा कि जंग के दो चरण पूरे हो चुके हैं।

अब सीबीआइ करेगी मामले की जांच

अब सीबीआई इस केस की जांच करेगी। ताकि हत्यारोपितों को सजा मिल सके। उन्होंने कहा घटना को लेकर एसआइटी ने कई बार उनसे बात की। एसआइटी अपना काम कर रही थी और सीबीआई अपना काम करेगी। मीनाक्षी ने कहा कि दोषियों को सजा मिलने तक मेरी जंग जारी रहेगी।

एसआइटी कर रही थी मामले की जांच

मनीष की हत्‍या के मामले में रामगढ ताल थाने में मुकदमा दर्ज है। मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी की मांग पर मामले की जांच के लिए एडीजी जोन कानपुर ने एसआइटी का गठन किया था। कानपुर एसआइटी ही मामले की जांच कर रही थी। मीनाक्षी शुरू से सीबीआइ जांच की मांग कर रही थीं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सीबीआइ जांच के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी।

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पहली बार गोरखपुर के किसी केस की जांच करेगी सीबीआई

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता के हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ सीबीआई ने मामले अपने पास ले लिया है। यह पहला मामला है जब सीबीआई ने गाेरखपुर से जुड़े केस का मुकदमा दर्ज किया है और वह जांच करने जा रही है। हालांकि इससे पहले मधुमिता हत्याकांड के आरोपित अमरमणि के ममले की सीबीआई जांच कर चुकी है, लेकिन वह मुकदमा लखनऊ में दर्ज था।

सीबीआइ जांच की वजह से पूर्व मंत्री को हाे चुकी है सजा

पूर्व मंत्री अमरमणि को उस मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी और वर्तमान में वह जेल में ही हैं। इसके अलावा सारा की मौत के मामले में अमर मणि के पुत्र विधायक अमन मणि के खिलाफ भी सीबीआई जांच हुई थी, लेकिन वह भी गोरखपुर से जुड़ा नहीं था। इसके अलावा भ्रष्टाचार और घोटाले के प्रकरण में दर्ज मामलों में सीबीआई जांच के लिए गोरखपुर आती रही है।

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