Home Breaking News कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए गैरीसन इंजीनियर को रिश्वत लेने के जुर्म में 10 साल की सजा
Breaking Newsअपराधउत्तराखंडराज्‍य

कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए गैरीसन इंजीनियर को रिश्वत लेने के जुर्म में 10 साल की सजा

Share
Share

देहरादून। कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रिश्वत लेने के मामले में सीबीआइ की स्पेशल जज सुजाता सिंह की कोर्ट ने सैन्य इंजीनियरिंग सेवा इकाई में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल (गैरीसन इंजीनियर) भरत जोशी और सहायक गैरीसन इंजीनियर मनीष सिंह को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। वर्ष 2016 के इस मामले में गवाहों और साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए कोर्ट ने भरत जोशी को 10 साल के कठोर कारावास और 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं, मनीष सिंह को पांच साल का कठोर कारावास भुगतने के साथ 15 हजार रुपये अर्थदंड चुकाना होगा।

सीबीआइ अधिवक्ता सतीश गर्ग के अनुसार, वर्ष 2016 में सैन्य इंजीनियरिंग सेवा इकाई ने ठेकेदार हरेंद्र सिंह को रायपुर में आइआरडीई परिसर में दो मंजिला आवासीय भवनों के निर्माण का ठेका दिया था। हरेंद्र सिंह को काम पूरा होने के बाद 16 लाख रुपये मिलने थे। इसके लिए उन्हें कार्य पूर्ति प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी, जो लेफ्टिनेंट कर्नल भरत जोशी निवासी रायपुर की ओर से जारी किया जाना था। हरेंद्र सिंह ने बताया कि भरत जोशी ने प्रमाणपत्र जारी करने के लिए 38 हजार रुपये की मांग की। चार जुलाई को हरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर भरत जोशी को प्रारंभिक धनराशि के रूप में 10,000 रुपये दे दिए। इसके कुछ दिन बाद भरत जोशी ने 10,000 रुपये और मांगे। इस बार हरेंद्र सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से शिकायत कर दी। सीबीआइ ने आरोप की पुष्टि करने के बाद भरत जोशी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। भरत जोशी ने जुलाई 2016 में हरेंद्र को 10 हजार रुपये देने के लिए सहायक गैरीसन इंजीनियर मनीष सिंह के कार्यालय में बुलाया। वहां जैसे ही हरेंद्र ने भरत और मनीष को धनराशि सौंपी, सीबीआइ की टीम ने दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

See also  कड़ी सुरक्षा में तय स्थानों पर होगी अलविदा की नमाज

इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कोर्ट में 14 गवाह पेश किए गए थे। इसके अलावा भरत जोशी और हरेंद्र सिंह के बीच हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत की गई थी। वहीं, बचाव पक्ष ने 10 गवाह पेश किए।

Share
Related Articles