एक ही व्यक्ति को दो कंपनियों की कोरोनावैक्सीन की मिश्रित डोज देना सुरक्षित तो है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट ज्यादा हैं। हालांकि, साइड इफेक्ट यानी प्रतिकूल प्रभाव भी गंभीर नहीं, बल्कि हल्के या मध्यम स्तर के ही नजर आते हैं। ब्रिटेन में किए गए एक हालिया रिसर्च में ये नतीजे सामने आए हैं।
ऑक्सफोर्ड ने किया रिसर्च
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिंटी की अगुआई में हुई कॉम-कोव रिसर्च में शामिल कुछ वॉलंटियर्स को फरवरी से ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। उसके बाद उन्हें दूसरी डोज के रूप में फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन दी गई। कुछ वॉलंटियर्स को डोज में अदला-बदली कर दी गई यानी पहली डोज फाइजर की और दूसरी एस्ट्राजेनेका की दी गई। साइंटिस्ट्स ने इन वॉलंटियर्स में टीके के चलते प्रतिरक्षा प्रणाली का रिसर्च किया। मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मिश्रित डोज के चलते कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिले जो बहुत कम समय तक ही रहें। इसके अलावा सुरक्षा संबंधी किसी तरह की अन्य गड़बड़ी देखने को नहीं मिली है। प्रतिकूल प्रभाव जो देखने को मिले हैं, उनमें ठंड लगना, थकाना, सिरदर्द और बुखार महसूस होना शामिल है जो थोड़े समय तक ही रहता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बाल रोग एवं टीका विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर मैथ्यू स्नैप ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि मिश्रित डोज सुरक्षित है। अलग-अलग डोज लगाने से सुरक्षा संबंधी चिंताएं सामने नहीं आई हैं। और न ही इसके कुछ संकेत ही मिले हैं। अभी यह नहीं पता चला है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है। जल्द ही ये डाटा भी मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक 800 वॉलंटियर्स को एस्ट्राजेनेका की दोनों डोज दी गई। इनमें से हर 10 में से एक को बुखार की शिकायत हुई। इतने ही वॉलंटियर्स को जब मिश्रित डोज दी गई तो 34 परसेंट में बुखार आया।