पत्नी जेनिफर की मृत्यु के बाद ये बहुत अकेले अकेले से हो गए
फिल्मी जगत के जाने माने सितारे शशि कपूर का आज 79 वर्ष की आयु में मुम्बई में निधन हो गया। पिछले 5 दिनों से बीमार शशि कपूर का इलाज कोकिला बेन अस्पताल में चल रहा था। अद्भुत कलाकारी से भरे शशि कपूर का जन्म 1938 में हुआ था। शशि कपूर ने प्रेम विवाह किया था। 1984 में पत्नी जेनिफर की मृत्यु के बाद ये बहुत अकेले अकेले से हो गए। तनहाई में ये अक्सर बीमार भी रहने लगे।इन्होंने दूसरा विवाह भी नहीं किया। और फिर इन्होंने फ़िल्म जगत से दूरी बना ली थी।
लेकिन …
इन्होंने फ़िल्म जगत को कई सामाजिक, शिक्षाप्रद और यादगार फिल्में दीं। शशि कपूर ने कुल 160 फिल्मों में काम किया था। जिनमें 12 अंग्रेजी में है। उनके कुछ प्रसिद्ध फिल्में हैं… जब जब फूल खिले, शर्मीली, दीवार, सत्यम शिवम सुंदरम, रोटी कपड़ा और मकान, फकीरा, चोर मचाये शोर, आ गले लग जा , कभी कभी इत्यादि जैसे कई यादगार फिल्में दी। 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार की तरफ से पद्मभूषण पुरस्कार और 2015 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विद्यार्थी जीवन से ही थिएटर में अभिनय करना चाहते थे
अप्रतिम प्रतिभा के धनी शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था। बच्चों से ही अभिनय की कला उनमे कूट कूट कर भरी थी। वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही थिएटर में अभिनय करना चाहते थे। पर उनकी ये ख्वाहिश पूरी हुई अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के ‘ पृथ्वी थिएटर्स’ में।
शशिकपूर जितने अच्छे अभिनेता थे उतने ही अच्छे व्यक्ति भी थे। जहां फ़िल्म जगत में लोहों के रोज नए अफेयर्स बनते और बिगड़ते हैं, फ़िल्म जगत में विवाह और तलाक तो आम बात होती है वहीं उन्होंने अपनी पत्नी जेनिफर की मृत्यु के बाद भी विवाह न कर के अपने पत्नी के प्रति सच्चे समर्पित प्रेम का परिचय दिया।
शशि कपूर के निधन से सिनेमा जगत में क्षति
आज भले ही वे अपने पंचभौतिक शरीर को त्याग कर पंचतत्व में विलीन हो गए पर अपनी जिंदादिली और अद्भुत अभिनय के कारण वे सदा हमारी यादों में जीवित रहेंगे।शशि कपूर के निधन से सिनेमा जगत में जो क्षति हुई है उसे कभी पूरी नहीं की जा सकती। उनकी आत्मा की शांति के लिये टुडे न्यूज़ इंडिया उन्हें विनम्र एवं अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है।