हल्द्वानी : नंधौर के करीब तीन हजार वाहनस्वामियों के समक्ष अगले महीने से रोजगार का संकट खड़ा हो सकता है। लक्ष्य कम होने के चलते नदी से निकासी का सिलसिला सिर्फ इसी महीने तक चलेगा। ऐसे में वाहनस्वामी अभी से परेशान होने लगे हैं। उनका कहना है कि तीन माह पहले नदी बंद होने पर उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। कोरोना की वजह से पिछला सत्र वैसे ही कमजोर रहा था।
गौला, नंधौर, कोसी, दाबका व शारदा नदी में केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम ने पूर्व में सर्वे कर निकासी की मात्रा तय की थी। फिलहाल गौला की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। वहीं, नंधौर से पांच लाख 18 हजार 575 घनमीटर लक्ष्य मिलने के कारण पहले ही वाहनस्वामी मायूस थे। अब लक्ष्य अंतिम चरण में होने के कारण दिक्कत और बढ़ गई।
नंधौर खनन समिति अध्यक्ष पान सिंह मेवाड़ी ने बताया कि पांच गेटों पर तीन हजार वाहन पंजीकृत है। दो हजार से अधिक मजदूर भी नदी के भरोसे घर चला रहे हैं। ऐसे में फरवरी में नदी का बंद होना सभी के लिए झटका होगा। इस स्थिति से उबरने के लिए लोगों ने छठे गेट को जल्द खोलने की मांग की है। ताकि उस क्षेत्र से निकासी हो सके।
पिछले साल 23.81 लाख घनमीटर निकासी : वन निगम के मुताबिक गौला, कोसी व नंधौर नदी से पिछले साल कुल 23 लाख 81 हजार घनमीटर उपखनिज निकला था। गौला को लेकर विवाद भी हुआ था। पहली बार केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम के सर्वे पर सवाल खड़े हुए थे। खान विभाग के पुन: सर्वे करने पर लक्ष्य बढ़ गया था।