लखनऊ। लखीमपुर हिंसा कांड में उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी गवाहों को सुरक्षा देने के निर्देश के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने जांच की गति और तेज कर दी है। एसआइटी ने चश्मदीद गवाहों से साक्ष्य देने का अनुरोध करते हुए विज्ञापन निकाला है। विज्ञापन में एसआइटी अपने सदस्यों के संपर्क नंबर जारी किया है। प्रत्यक्षदर्शियों से आगे आकर अपने बयान दर्ज कराने और डिजिटल साक्ष्य प्रदान करने के लिए उनसे संपर्क करने का आग्रह करती किया है। एसआइटी का कहना है कि ऐसे लोगों की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के सभी गवाहों को गवाह सुरक्षा योजना, 2018 के मुताबिक पुलिस सुरक्षा दी जाए। साथ ही कोर्ट ने अन्य महत्वपूर्ण गवाहों के बयान भी सीआरसीपी की धारा-164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष जल्द दर्ज कराने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर बयान दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट उपलब्ध नहीं हैं तो जिला जज नजदीक के मजिस्ट्रेट से बयान दर्ज कराएंगे। इसके अलावा कोर्ट ने हिंसा में मारे गए दो लोगों पत्रकार रमन कश्यप और श्याम सुंदर के बारे में प्रदेश सरकार को अलग स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
बता दें कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में चार प्रदर्शनकारी गाड़ी से कुचल गए थे। इसके अलावा तीन अन्य लोगों को उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था। घटना में कुल आठ लोग मारे गए थे। दो वकीलों ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर मामले में दखल देने और जांच कराने का आग्रह किया था। कोर्ट ने पत्र पर संज्ञान लिया था और मामले की सुनवाई कर रहा है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मुकदमे में दो गिरफ्तार : हिंसा से जुड़े दूसरे पक्ष पर भी एसआइटी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तिकुनिया में भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के मामले में दो और आरोपितों को एसआइटी ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुविंदर सिंह और विचित्र सिंह को एसआइटी ने गिरफ्तार कर सीजेएम की कोर्ट में पेश किया गया। सीजेएम चिंताराम ने दोनों आरोपितों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। हिंसा मामसे में एक पक्ष से किसान जगजीत सिंह की तहरीर पर केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र समेत 20 अज्ञातों के खिलाफ बलवा, दुर्घटना में मौत व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस पक्ष के 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि दूसरे पक्ष से लखीमपुर के सभासद सुमित जायसवाल की तहरीर पर 20-25 अज्ञात भीड़ में शामिल लोगों के खिलाफ बलवा व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। गुरुविंदर सिंह की पुलिस कस्टडी रिमांड पर बुधवार को सुनवाई होगी।
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