नोएडा : कोरोना की तरह ही डेंगू भी इस बार शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अधिक चपेट में ले रहा है। जिले में डेंगू के कुल मरीजों में 80 फीसद शहरी क्षेत्र से हैं। ऐसे में देहात क्षेत्र के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हुए है। देहात के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में डेंगू तेजी से फैल रहा है।
विभागीय जानकारी के मुताबिक जेवर, दादरी के मुकाबले इस बार बिसरख ब्लाक में डेंगू के मरीज अधिक मिले हैं। इस बार व्यस्क के साथ ही बच्चे भी डेंगू के चपेट में आ रहे है। कुल रोगियों में करीब 30 फीसद बच्चे हैं।जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि शहरी इलाकों में घरों में एसी, कूलर, बर्तन, फ्रीज, गमलों का ज्यादा प्रचलन है। विनिर्माण इकाइयों की संख्या ज्यादा होने से कई फैक्ट्रियों में लोगों ने गमलों लगा रखे हैं। इस कारण शहरी क्षेत्र में अधिक डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।
12 नए डेंगू के रोगी मिले
जिले में शुक्रवार को डेंगू के 12 नए रोगी मिले है। इससे जिले में डेंगू के कुल रोगियों की संख्या 287 पहुंच गई है। जिले के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में 31 मरीजों का इलाज चल रहा है। मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिले हैं। वहां फागिग कराई जा रही है। हर बुखार डेंगू नहीं : डा. डीके गुप्ता
फेलिक्स अस्पताल के डा. डीके गुप्ता ने बताया कि वायरल और डेंगू बुखार में फर्क करना आसान है। वायरल संक्रमण में मरीज को बुखार के साथ नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द, कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं। वहीं, डेंगू में बुखार तेज होता है, मांसपेशियों और हड्डियों में बेहद दर्द और बुखार के 24 या 48 घंटों बाद पूरे शरीर में गुलाबी रंग के चकत्ते हो जाते हैं। चूंकि हर बुखार डेंगू नहीं होता है। इसलिए बुखार आए तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।
डेंगू बुखार के लक्षण
सिर दर्द, जोड़ो में दर्द और सूजन और शरीर पर चकत्ते दिखते हैं। बुखार के बाद पैरों और हाथों की उंगलियां और ज्वाइंट में सूजन और दर्द होता है। एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है आमतौर पर मच्छर सुबह या भोर में काटता है। डेंगू का बुखार कम से कम सात दिन रहता है, जिस दौरान बीच में उतरता-चढ़ता रहता है। डेंगू से बचाव के उपाय
पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें। घर के आसपास बारिश के पानी को इकट्ठा न होने दें। आलआउट और मच्छरदानी का उपयोग। सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, फूलदान, कूलर आदि से पानी निकालकर उन्हें साफ जरूर कर लें।