आगरा। 26 दिसंबर से आगरा के 695 गांवों के प्रधान पूर्व हो गए। 25 दिसंबर रात 12 बजे से उनका कार्यकाल खत्म हो गया है। शासन के आदेश पर उनके सरकारी खाते भी सीज कर दिए हैं। गांवों की कमान सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ) के हाथों में दे दी गई है। उन्हें गांवों का प्रशासक बनाया गया है।
जिले में अछनेरा ब्लाक में 52, अकोला में 38, बाह में 50, बरौली अहीर में 59, बिचपुरी में 30, एत्मादपुर में 47, फतेहाबाद में 70, फतेहपुर सीकरी में 56, जगनेर में 32, जैतपुर कलां में 45, खंदौली में 41, खेरागढ़ में 36, पिनाहट में 36, सैंया में 44 और शमशाबाद में 59 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों के प्रधान अब पूर्व हो गए हैं। वर्ष 2015 में गांवों की सरकारें चुनी गई हैं। इस बीच जिले की छह ग्राम पंचायतों के प्रधानों के भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते खाते भी सीज किए गए। हालांकि प्रधानों के खिलाफ शिकायतें खूब आईं। शायद ही कोई प्रधान बचा होगा, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार, धांधली या विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें न दर्ज कराई गई हों। कार्यकाल के आखिरी दिनों में इनकी संख्या काफी बढ़ गई। प्रदेश में अगले त्रिस्तरीय चुनाव की तारीख तो अभी तय नहीं है लेकिन मार्च चुनाव हाेने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी चल रही हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण के साथ ही वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जा रहा है। जल्द ही इनका अंतिम प्रकाशन भी कर दिया जाएगा।