Home Breaking News भय्याजी जोशी ने कहा- बड़े देशों के चंगुल से मुक्त होकर करें विकास
Breaking Newsउत्तरप्रदेशउत्तरप्रदेशराजनीतिराज्‍य

भय्याजी जोशी ने कहा- बड़े देशों के चंगुल से मुक्त होकर करें विकास

Share
Share

वाराणसी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी ने कहा कि इस कोरोना कालखंड में हमें आत्मनिर्भरता की ओर सोचने का अवसर दिया है। बड़े देशों के चंगुल से मुक्त होकर अपना स्वयं का विकास करें और आत्मनिर्भर बनें। भय्याजी जोशी 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर काशी के रोहनिया में ध्वजारोहण के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “दुनिया के तमाम छोटे-छोटे देश प्रेरित होकर आत्मनिर्भर बनें और बड़े देशों के चंगुल से मुक्त होकर अपना स्वयं का विकास करें और आत्मनिर्भर बनें। इसी भाव को ग्रहण कर हम अपने लक्ष्य पर पहुंच पाएंगे और दुनिया के अन्य देश भी भारत के ही आधार पर आगे बढ़ सकेंगे।”

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में कोविड-19 के कारण यह कालखंड चर्चा का विषय बना हुआ है। कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप अपने देश में और संपूर्ण विश्व में चल रहा है। इस परिस्थिति में भारत की कुछ भिन्न विशेषता ध्यान में आई है। संख्यात्मक जानकारी के आधार पर दुनिया के अन्य समृद्ध देशों की अपेक्षा भारत में बीमारी का संक्रमण और मृत्युदर कम है। इसका कारण यहां का रहन-सहन, जीवन शैली एवं लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का अधिक होना है।

जोशी ने कहा कि यहां की जलवायु, परंपराएं और सांस्कृतिक जीवनशैली लोगों को ऐसे संघर्ष के समय में जीवनशक्ति प्रदान करती है। तुलनात्मक दृष्टि से सर्वाधिक संपन्न और स्वच्छ अमेरिका इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। भारत वर्ष के कुछ प्रांतों में कोरोना वायरस का प्रभाव अधिक है, परंतु कुछ प्रांतों में न के बराबर है। यह हमारी अलग पहचान को सिद्ध करता है।

See also  नोएडा एयरपोर्ट से शुरू इसी महीने शुरू हो जायेगा कमर्शियल फ्लाइट का ट्रायल, अब सिर्फ ये काम बाकी

उन्होंने कहा, “हमने विभिन्न प्रकार के प्रयोग और प्रयास किए हैं। किंतु हमें विदेशी सहायता पर निर्भर रहना पड़ा। आज भी हमारी कुछ अन्य देशों पर निर्भरता बनी हुई है। इस कोरोना कालखंड में हमें आत्मनिर्भरता की ओर सोचने का अवसर दिया है। देश की जलवायु, परंपरा और विभिन्न संसाधनों में आत्मनिर्भरता अपेक्षित हैं। हम स्वयं आत्मनिर्भर बनें और अपने भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।”

Share
Related Articles