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महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि का नाम

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प्रयागराज: प्रयागराज के बाघम्बरी गद्दी मठ से बड़ी खबर सामने आई है. यहां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri Death) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. नरेंद्र गिरी का शव पंखे पर फंदे से लटकता हुआ मिला है. एडीजी ने जानकारी दी है कि उनके कमरे से एक 8 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें जमीन विवाद, शिष्य के साथ विवाद जैसी कई बातें लिखी हैं. वहीं, महंत नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. कई लोग इसे षडयंत्र के तहत हत्या की बात कह रहे हैं. फिलहाल मौत की वजह अभी साफ नहीं हैं. मौके पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी हुई है.

आनंद गिरी ने बताया साजिश

शिष्य आनंद गिरी ने दावा किया है कि उनके गुरु नरेंद्र गिरी की मौत सामान्य नहीं है. उनके खिलाफ बड़ी साजिश हुई है. आनंद गिरी ने कहा कि हमें इसलिए अलग किया गया ताकि एक का काम तमाम हो सके. वहीं अपने गुरु से विवादों पर आनंद गिरी ने कहा कि मेरा उनसे नहीं बल्कि मठ की जमीन को लेकर विवाद था. शक के दायरे में कई लोग हैं, उन लोगों ने ही नरेंद्र गिरी को मेरे खिलाफ किया. बता दें कि आनंद गिरी फिलहाल हरिद्वार में है. वह कल प्रयागराज पहुंचेंगे.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि, ‘ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें’.

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शिष्य आनंद गिरी से हुआ था विवाद

गौरतलब है कि बीते कुछ महीने पहले अपने शिष्य आनंद गिरी से विवादों के चलते नरेंद्र गिरी चर्चा में आए थे. दरअसल, स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई हुई थी. अखाड़े, मठ और मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद आनंद गिरी ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ कई बयान दिए थे. उनके खिलाफ कई आरोप भी लगाए थे. जिसके बाद अखाड़ा परिषद ने इस मुद्दे पर एक बैठक भी बुलाई थी. हालांकि, गुरु पूर्णिमा के दिन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और आंनद गिरी के बीच का विवाद खत्म हो गया था.

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