धारचूला (पिथौरागढ़): चीन सीमा से लगे उच्च हिमालय के सभी माइग्रेशन वाले गांवों में ग्रामीण पहुंच चुके हैं। इन गांवों को कोविड मुक्त रखने के उद्देश्य के साथ रं कल्याण संस्था ने सभी 43 गांवों तक कोविड किट पहुंचा दी हैं। इसके लिए संस्था ने अलग-अलग टीम बनाई जो भारी हिमपात व दुरूह रास्तों से होते हुए गांवों तक पहुंच रही है।
कोविड संक्रमण के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए सीमांत धारचूला की रं कल्याण संस्था ने टास्क फोर्स का गठन किया। सबसे पहले एक टीम दारमा गांव गई। इस टीम में जयेंद्र फिरमाल, गोविंद बोनाल, दिनेश चलाल और गजेंद्र दुग्ताल ने दारमा घाटी के सभी 14 गांवों तक पहुंच कर किट वितरित किए। इस टीम को सीमा पर स्थित अंतिम गांव मार्छा व सीपू जाने पर खतरनाक मौसम का सामना करना पड़ा। भारी हिमपात के बीच सदस्यों ने आठ से 12 किमी चलने के बाद गांव पहुंच कर ग्रामीणों को किट बांटी।
दूसरी टीम में राम सिंह ह्यांकी, मोहन ततवाल, धर्मेद्र गब्र्याल और रितेश गब्र्याल ने पांच से छह किमी तक पैदल चल कर चौदास घाटी के 14 गांवों में किट बांटते हुए कोविड से बचाव के ग्रामीणों को उपाय बताए।
रं कल्याण संस्था ने मित्र राष्ट्र नेपाल के रं समाज के गांव राफला, टिकर , राफला, स्यंकन और दुमलिंग गांवों के प्रतिनिधियों को भी मेडिकल किट बांटी। एक टीम मुनस्यारी में रहने वाले रं समाज के तीन गांवों रालम, पातों और मदकोट में किट वितरण करने जाएगी। यही नहीं संस्था के जीवन सिंह नगन्याल के स्वजनों ने नेपाल के छांगरु गांव के ग्रामीणों के लिए दो ऑक्सीजन सिलिंडर और जरूरी दवाएं भेजी। शनिवार को टीम सिमखोता, बुंगबुंग आदि गांवों में किट का वितरण किया जाएगा। किट में दवा, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, मास्क, सैनिटाइजर आदि सभी सामान रं संस्था ने अपने संसाधनों से जुटाई हैं।
शनिवार को एसडीएम उच्च हिमालय का करेंगे दौरा
रं कल्याण संस्था के पूर्व अध्यक्ष अशोक नबियाल के नेतृत्व में संस्था के सदस्यों ने एसडीएम एके शुक्ला के साथ बैठक की। संस्था ने चीन सीमा से लगे गांवों में चिकित्सा शिविर लगाने की मांग की। जिस पर एसडीएम ने आश्वस्त किया कि शनिवार को वह मेडिकल टीम के साथ व्यास घाटी जाएंगे। जहां शिविरों के आयोजन के साथ ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान करेंगे।