सुशील त्यागी:-
नोएडा: नोएडा पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है ,जब उसने एक रिटायर्ड आर्मी अफसर को अपराधियों की तरह रात में घर से उठा लिया ।आर्मी अफसर को भारी पुलिस बल के साथ एसएचओ ने पूछताछ के लिए उठा लिया और जब वो थाने में पहुंचे तो उनको हवालात में बंद कर दिया। देश की सेवा करने वाला राहुल करीब 11 घंटे थाने की हवालात में बंद रहा और उसके बाद उसे कोर्ट से जमानत मिली। वह भी एक ऐसे मामले में जो 3 महीने पुराना है । जबकि मारपीट के इस मामले में उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं की गई थी जब यह मामला हुआ था। 3 महीने बाद एकाएक नोएडा पुलिस मामले में एफ आई आर दर्ज करती है और तमाम लोगों को उस में आरोपी बना देती है। जिसमें नेवी के रिटायर्ड कमांडर भी शामिल हैं।जबकि घटना के बाद रिटायर्ड कमांडर मौके पर नहीं थे। ऐसे में नोएडा पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में खड़ी होती है।
नोएडा पुलिस किस तरह से काम करती है, एक बार फिर से सामने आया है ,दरअसल मामला सेक्टर 49 थाना क्षेत्र के सेक्टर 76 स्थित आदित्य सेलिब्रिटी होम्स सोसाइटी का है। जहां अप्रैल महीने में गार्डों और एक परिवार के बीच मारपीट हो जाती है। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल होता है। इस वीडियो में दिखाई देता है, कि किस तरह से परिवार के लोग और सोसाइटी के गार्ड के बीच गाली गलौज और मारपीट हो जा रही है। अप्रैल माह में जब यह घटना हुई तब किसी की तरफ से कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन अचानक नोएडा पुलिस की नींद खुलती है और 1 जुलाई को इस मामले में तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है, वीडियो में मारपीट करते दिख रहे गार्डों के अलावा पांच और लोगों को भी आरोपी बनाया जाता है। जिसमें सोसायटी के जनरल सेकेट्री और रिटायर्ड नेवी कमाण्डर राहुल बोस का भी नाम होता है। 9 जुलाई की रात करीब 1 बजे 49 थाने के एसएचओ दल बल के साथ रिटायर्ड कमांडर के घर पहुंचते हैं और उनसे अपने साथ चलने को कहते हैं ।जब रिटायर कमांडर उनका परिवार पुलिस से पूछता है कि किस कारण से उनको ले जाया जा रहा है तो कोई कारण भी नहीं बताया जाता है। जब गिरफ्तारी का वारंट मांगा जाता है तो भी पुलिस अपनी वर्दी का रौब होने दिखाती है।
राहुल बोस का कहना है कि जब वह थाने में पहुंचे तो उनसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई पुलिसकर्मी गायब हो गए। वह रात भर थाने में ही मौजूद रहे उन्होंने अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उनको हवालात में बंद कर दिया गया।करीब 11 घंटे तक देश की सेवा करने वाले राहुल हवालात में बंद रहा और पुलिस द्वारा इनको कोर्ट के लिए भेज दिया गया । जहां से राहुल को जमानत मिल गई राहुल का कहना है कि जब मारपीट का वीडियो पुलिस के पास है और उसमें दिख रहा है कि मैं कहीं भी मारपीट के मामले में नहीं हूं तो मेरा नाम कैसे डाल दिया गया। वही जब घटना अप्रैल की है तो जुलाई में पुलिस को मुकदमा दर्ज करने की याद कहां से आ गई। अगर मेरा नाम f.i.r. में दर्ज है तो मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया था तो दिन में भी पुलिस मुझसे बात कर सकती थी । अपराधियों की तरह रात में 1:00 बजे घर से उठाकर ले जाने का क्या मकसद था। पुलिस की इस कार्रवाई से राहुल के परिवार में भी दहशत का माहौल है उनकी 16 साल की बेटी भी डिप्रेशन में आ गई है। वहीं पूरे मामले में पुलिस ने चुप्पी साध रखी है।