Home Breaking News सरकार पर किसानों को भरोसा, अगली तारीख यूनियन की रजामंदी से तय हुई : तोमर
Breaking Newsराष्ट्रीय

सरकार पर किसानों को भरोसा, अगली तारीख यूनियन की रजामंदी से तय हुई : तोमर

Share
Share

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को सरकार पर भरोसा है और नए कृषि कानूनों के संबंध में कोई भी निर्णय देशभर के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के समग्र हितों को देखकर ही कानून बनाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।

किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार और किसान यूनियनों के नेताओं के बीच सातवें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर यहां संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।

केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने को लेकर केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच सोमवार को सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही और अगले दौर की वार्ता की तारीख आठ जनवरी तय हुई।

नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं और इस दौरान आंदोलन में शामिल 50 से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मगर, आंदोलन समाप्त करवाने को लेकर किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच हो रही वार्ता के लिए फिर एक तारीख तय हुई।

राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहार ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार एक ही बात दोहराई जा रही है जिससे सरकार पर किसानों का भरोसा नहीं रह गया है। कुछ अन्य किसान नेताओं ने सरकार से भरोसा उठने की बात कही।

See also  कौन है कारोबारी अनिल मिठास, जिसे ईडी ने किया गिरफ्तार, जनता से जुटाए 500 करोड़ और कर दी 200 करोड़ की हेराफेरी

इस संबंध में पूछे गए सवाल पर तोमर ने कहा, “अगर सरकार पर भरोसा नहीं होता तो आठ तारीख की बैठक क्यों तय होती? सरकार और यूनियन दोनों की रजामंदी से आठ तारीख की बैठक तय हुई है। इसका मतलब किसानों का भरोसा सरकार पर है।”

उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के नेता नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे, इस कारण आज की वार्ता में कोई रास्ता नहीं निकल पाया, लेकिन उम्मीद है कि अगली बैठक में सार्थक चर्चा होगी। किसान नेताओं के साथ यहां विज्ञान भवन में हुई सातवें दौर की वार्ता में कृषि मंत्री तोमर के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे।

तोमर ने कहा, “आज की वार्ता में बातचीत एमएसपी के मसले पर भी हुई, लेकिन किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर पड़े रहे।”

उन्होंने कहा कि आज की बातचीत अच्छे माहौल में हुई और आशा है कि आगे सार्थक चर्चा होगी। नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध जल्द दूर होने और किसान आंदोलन समाप्त होने की उम्मीद जताते हुए कृषि मंत्री ने कहा, “दोनों तरफ से उत्सुकता है इसका समाधान हो।”

वार्ता शुरू होने से पहले मंत्रियों ने किसान आंदोलन के दौरान दिवंगत हुए किसानों के प्रति दुख जताया। आगे उन्होंने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया, नववर्ष की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए किसान प्रतिनिधियों से किसान कल्याण से संबंधित मुद्दे पर चर्चा करने का अनुरोध किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि 30 दिसंबर, 2020 को आयोजित पिछली बैठक में चर्चा हुई थी कि उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दों का समाधान करने का हरसंभव प्रयास करने के लिए तत्पर है। साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है। दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए विचार करने के लिए तैयार है।

See also  22 साल से होली पर मायके नहीं गई पत्नी... इसलिए बहुत नाराज है... इंस्पेक्टर का छुट्टी के लिए पत्र वायरल

मंत्री ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दे पर अन्य राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी बात की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा, ”हम इन तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करेंगे और जिन-जिन बिंदुओं पर आपको आपत्ति हो, उन पर हम विचार करके यथाआवश्यक संशोधन करने के लिए तैयार हैं।”

बैठक में सरकार व किसान नेताओं में आपसी सहमति से यह तय किया गया कि आगे भी चर्चा जारी रहेगी। अगली बैठक 8 जनवरी, 2021 को दोपहर 2 बजे होगी।

संसद के मानसून सत्र में कृषि से संबंधित तीन अहम विधेयकों के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इन्हें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू किया गया। मगर अध्यादेश के आध्यम से ये कानून पांच जून से ही लागू हो गए थे।

Share
Related Articles
Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

इजराइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : पहलगाम आतंकी हमले पर इजराइली राजदूत

इजराय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए “घृणित” आतंकवादी हमले की भारत...

Breaking Newsउत्तराखंडराज्‍य

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ने उड़ाया ड्रोन, 29 मिनट में 35 KM दूर कोटाबाग CHC पहुंचाई दवा

हल्द्वानी: उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए मेडिकल...

Breaking Newsव्यापार

Flipkart का IPO से पहला बड़ा कदम, सिंगापुर से ‘घर वापसी’ की तैयारी, जानिए क्यों किया जा रहा है ऐसा

नई दिल्ली: ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट को कथित तौर पर कंपनी के बेस या...