Home Breaking News सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का जोखिम, विशेषज्ञ से जानिए इसके कारण और बचाव के तरीके
Breaking Newsलाइफस्टाइलस्वास्थ्य

सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का जोखिम, विशेषज्ञ से जानिए इसके कारण और बचाव के तरीके

Share
Share

नई दिल्ली। कई अध्ययनों से पता चलता है कि सर्दी के मौसम में अस्पताल में भर्ती होने और हृदय गति रुकने के रोगियों की मृत्यु दर अधिक होती है। सा प्रमुख रूप से इसलिए होता है क्योंकि तापमान में तेज़ी से गिरावट होने से कई तरह के शारीरिक परिवर्तन आते हैं, जिससे रोग और बिगड़ जाता है।

ट्रीटमेंट शेड्यूल, लाइफस्टाइल में बदलाव और हृदय रोग विशेषज्ञ के साथ नियमित जांच के साथ, शुरुआत में समय पर इलाज से हार्ट फेलियर को प्रबंधित किया जा सकता है।

सर्दियों के मौसम में, छाती में संक्रमण, हृदय गति में वृद्धि और रक्तचाप जैसी स्थितियों में वृद्धि होती है, जो हृदय गति को खराब कर सकती हैं। कम तापमान रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर सकता है और रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकता है जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ सकता है। इसलिए दिल के रोगियों का अगर समय रहते इलाज हो जाए, तो काफी फायदा मिल सकता है, खासतौर पर सर्दियों में।

आइए सर्दियों में हार्ट फेलियर से जुड़े कुछ जोखिम कारकों के बारे में जानते हैं:

1. हाई ब्लड प्रेशर: ठंड का मौसम रक्तचाप के स्तर में उतार-चढ़ाव और हृदय गति में वृद्धि का कारण बन सकता है। नतीजतन, यह दिल की विफलता के रोगियों में अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन सकता है।

2. वायु प्रदूषण: सर्दियों के दौरान, स्मॉग और प्रदूषक ज़मीन के करीब जमा हो जाते हैं, जिससे छाती में संक्रमण और सांस लेने में तकलीफ होने की संभावना बढ़ जाती है। हार्ट फेलियर के रोगियों को आमतौर पर सांस की तकलीफ का अनुभव होता है और प्रदूषक उनके लक्षणों को खराब कर सकते हैं, जिससे गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।

See also  रसगुल्ला खाने की लड़ाई में शादी बनी अखाड़ा, जमकर बरसी लाठियां, आधा दर्जन घायल

3. पसीने की कमी: कम तापमान से पसीना कम होता है। नतीजतन, शरीर अतिरिक्त पानी से छुटकारा पाने में सक्षम नहीं हो सकता है और यह फेफड़ों में तरल पदार्थ का निर्माण कर सकता है, जिससे हार्ट फेलियर के रोगियों में हृदय क्रिया बिगड़ सकती है।

4. विटामिन-डी की कमी: विटामिन-डी दिल में स्कार टिशू के निर्माण को रोकता है जो दिल के दौरे के बाद हार्ट फेलियर से बचाता है। सर्दियों में, सूरज की रोशनी के उचित संपर्क की कमी के कारण, कम विटामिन-डी के स्तर से दिल की विफलता का ख़तरा बढ़ जाता है।

‘शीतकालीन प्रभाव’ के बारे में जागरूकता से रोगियों और उनके परिवार को हार्ट फेलियर के लक्षणों पर अधिक ध्यान देने और उचित दवा और जीवन शैली में बदलाव के साथ स्थिति का प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हार्ट फेलियर के रोगियों और पहले से मौजूद दिल की स्थिति वाले लोगों को सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और निम्नलिखित व्यवस्था को शामिल करना चाहिए:

– अपने कार्डियोलॉजिस्ट को समय-समय पर दिखाएं और ब्लड प्रेशर का ध्यान रखें।

– पानी और नमक का सेवन कम रखें क्योंकि सर्दियों में हमें ज़्यादा पसीना नहीं आता।

– दिल के मरीज़ों को रोज़ाना एक्सरसाइज़ करना चाहिए, हालांकि, ज़्यादा ठंड या गर्मी में घर के अंदर की वर्कआउट करने की सलाह दी जाती है।

– अपनी दवाइयां लेना न भूलें या छोड़ें, फिर चाहे आप अच्छा ही क्यों न महसूस कर रहे हों।

– सर्दियों के मौसम में खुद को सर्दी, ज़ुकाम, फ्लू जैसी बीमारियों से सुरक्षित रखें।

See also  पाकिस्तानी सैनिकों ने बलूचिस्तान के विश्वविद्यालय का छात्र कर दिया गायब

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

नोएडा में पूरी पुलिस चौकी लाइन हाजिर, जानें किस चक्कर में नप गई ‘खाकी’?

ग्रेटर नोएडा। दनकौर क्षेत्र में खनन की सूचना पर पहुंची प्राधिकरण की टीम...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

कांगो में बड़ा हादसा, आग लगने के बाद पलटी नाव, 143 लोगों की मौत, दर्जनों लापता

किंशासा: अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक भयावह अग्निकांड में 143...