पिछले डेढ़ सालों की महामारी के दौरान पूरी दुनिया में लोग तनाव और अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं, जो उनकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है। अमेरिका की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ. माइकल मास्ले के अनुसार कोरोना संकट के बाद ब्रिटेन और अमेरिका सहित पूरी दुनिया में प्री-डायबिटीक लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जो लोग सात घंटे से कम नींद लेते हैं, उनमें ओबेसिटी और शुगर लेवल बढ़ने के नए मामले सामने आ रहे हैं।
डॉ. स्वप्निल जैन, कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाजियाबाद ने कहा कि, ‘हां, मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं, अनिद्रा के कारण हॉर्मोन्स का सिक्रिशन सही ढंग से नहीं होता और मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया अनियमित हो जाती है, जिससे शुगर लेवल बढ़ने लगता है।’
लंदन के किंग्स कॉलेज में हुए ताज़ा अध्ययन से भी यह तथ्य सामने आया है कि अनिद्रा की समस्या से ग्रस्त लोग रोजाना सामान्य से लगभग 30 प्रतिशत अधिक कैलरी का सेवन करते हैं। तनाव की मनोदशा में उन्हें मीठी और वसायुक्त चीज़ें मसलन मिठाई, चॉकलेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि ज्यादा आकर्षित करती हैं। इसके अलावा तनाव और अनिद्रा के कारण शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, ऐसी अवस्था में इंसुलिन सही ढंग से काम नहीं कर पाता, जिससे शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए सात घंटे की नींद, नियमित एक्सरसाइज़ और संयमित खानपान अपनाना जरूरी है।
पर्याप्त नींद लेकर आप न सिर्फ डायबिटीज़ बल्कि और भी कई सेहत संबंधी समस्याओं से बचे रहे सकते हैं। इसके अलावा फाइबर रिच फूड्स को जरूर अपने भोजन में शामिल करें। भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर दें। मीठी चीज़ों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें और साथ ही योग, व्यायाम को जरूर अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं। अगर आप इन सभी चीज़ों का पालन करेंगे तो शुगर को कंट्रोल करना नामुमकिन बात नहीं।