नोएडा | अस्थायी (Temporary) बिजली कनेक्शनों (Electricity connections) की जांच आगे बढ़ गई है। तीन सदस्यीय जांच समिति ने एक हजार से अधिक स्थायी और अस्थायी कनेक्शनों के दस्तावेज खंगाले हैं। इसमें खुलासा हुआ है कि 50 से अधिक कनेक्शनों के महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं। इससे बड़े स्तर पर धांधली की संभावना जताई जा रही है।
मेरठ मुख्यालय (Meerut Headquarters) ने जिले के सभी अस्थायी कनेक्शनों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें अधीक्षण अभियंता आईटी संजीव सिंह राजवंशी, अधिशासी अभियंता वाणिज्य अजय कुमार और सहायक लेखाधिकारी राकेश गौतम शामिल हंै। समिति जिले की सभी डिजिवनों के अस्थायी कनेक्शनों की जांच कर रही है। इसमें वर्तमान में चल रहे अस्थायी कनेक्शनों के साथ-साथ गत वर्षों में बंद अस्थायी कनेक्शन भी जांच शामिल हैं।
इसके अलावा बड़े स्थायी कनेक्शनों की भी जांच की जा रही है। समिति ने डिविजनों के कनेक्शन के दस्तावेजों को खंगालने शुरू कर दिए हैं। कनेक्शन के दस्तावेजों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी ग्रेटर नोएडा डिविजन में मिल रही है। यहां 50 से अधिक कनेक्शन की रसीद समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब मिले हैं।
तीन सदस्यीय जांच समिति अगले सप्ताह तक जिले की भी आठ डिविजनों के अस्थायी और बड़े स्थायी कनेक्शनों की जांच करके रिपोर्ट एमडी कार्यालय में जमा कराएगी। इसके बाद जांच रिपोर्ट पर एमडी कार्यालय द्वारा अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद एमडी द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
23 पर हो चुकी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा और जेवर डिविजन में अस्थायी कनेक्शनों में बड़ी धांधली का खुलासा होने के बाद जिले के 23 अभियंताओं का दूसरे जिलों में तबादला हो चुका है। इसके बाद एमडी ने जिले के अन्य डिविजनों के अलावा पश्चिमांचल के सभी जिलों के बिजली डिविजनों के अस्थायी कनेक्शनों की जांच के लिए निर्देश दिए हैं।
अधिकारी बोले
अस्थायी कनेक्शनों में धांधली का खुलासा होने के बाद समिति गठित करके जांच कराई जा रही है। इसमें बड़े कनेक्शनों की पत्रावलियां गायब होने की भी सूचना आ रही है। कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
-अरविंद मल्लप्पा बंगारी, एमडी, पीवीवीएनएल