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मनीष मर्डर केस: अपने ही जाल में फंस रही पुलिस, SIT को मिले कई अहम सबूत

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मनीष मर्डर केस
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मनीष मर्डर केस: कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta Case) की मौत के मामले में दो दिनों से गोरखपुर में जांच कर रही एसआईटी (SIT) टीम के हाथ अहम सुराग मिले हैं। जिस होटल में मनीष हत्याकांड की घटना घटित हुई थी वहां जांच के दौरान खून के धब्बे, कर्मचारी के बयान से कई तथ्य मिल गए थे। एसआईटी ने शनिवार रात में ही गोरखपुर पुलिस से गिरफ्तारी में सहयोग मांग लिया था। गोरखपुर से पुलिस की चार टीमें आरोपियों की तलाश में निकल गई। एक टीम इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के अमेठी के पैतृक गांव तो दूसरी बलिया में अक्षय मिश्रा के घर और गाजीपुर में विजय यादव के घर गई है। एक टीम ने लखनऊ में भी डेरा डाला है।

मनीष मर्डर केस: बारीकी से जानकारी हासिल

जांच के लिए कानपुर से आई एसआईटी टीम रविवार को रामगढ़ ताल थाने में दोपहर 12.30 बजे पहुंची। करीब एक घंटे तक थाने में जांच की गई। इस दौरान जीडी में पुलिस वालों की रवानगी से लेकर अन्य पहलुओं की जांच की गई। इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने उस रात इस्तेमाल की गई थानेदार की बोलेरो गाड़ी की सीट पर केमिकल डाला और उसे कब्जे में लेकर परिसर में खड़ा करा दिया। इसी गाड़ी से मनीष को अस्पताल ले जाया गया था, वहां से खून के धब्बे मिले हैं। अब तक की जांच में शामिल सभी पुलिस वालों से बारीकी से जानकारी हासिल करने के बाद टीम मानसी नर्सिंग होम गई। यहां डॉक्टर ने स्टाफ द्वारा दी गई पल्स और ब्लड प्रेशर न मिलने की जानकारी एसआईटी को दी है। इसके बाद रविवार शाम एसआईटी टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची।

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मनीष मर्डर केस: यह है पूरा मामला

कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ गोरखपुर घूमने आए थे। तीनों युवक तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में ठहरे थे। 27 सितंबर की रात रामगढ़ ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फल मंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी होटल में चेकिंग करने पहुंचे थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई। शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया गया था, मगर बाद में हत्या का केस दर्ज किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं।

फरार पुलिसवालों की तलाश में छापेमारी

गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नम्बर 512 प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के साथ इंस्पेक्टर समेत जिन छह पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की थी। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास वहां जांच करने गई कानुपर की एसआईटी ने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने आरोपित पुलिसकर्मियों की तलाश में उनके सरकारी आवास पर दस्तक दी। एसआईटी ने इसे छापेमारी ऑपरेशन की तरह अंजाम दिया। बल्कि वहां पर आराम से पहुंचकर उनके बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। बीते तीन दिनों से एसआईटी गोरखपुर में जांच कर रही है। इस दौरान उन्होंने होटल में दो दिन लगातार जांच की। वहां के कर्मचारी, होटल मालिक, और वहां के सुरक्षा कर्मियों के बयान दर्ज किए। जांच में अब तक जो बिन्दु सामने आए हैं उसके हिसाब से पुलिस ने मनीष से हाथापाई की थी यह बात पुष्ट हो चुकी है। एसआईटी टीम ने आरोपित पुलिस कर्मियों के सरकारी आवास पर जाकर भी पूछताछ की।

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सीसीटीवी में मनीष को ले जाते दिखे पुलिसकर्मी

मनीष गुप्ता हत्याकांड को लेकर जांच कर रही एसआईटी सोमवार को भी घटना से संबंधित साक्ष्य जुटाने के लिए गोरखपुर में ही डेरा डाले रही। टीम को होटल के पास स्थित एक एटीएम के सीसीटीवी कैमरे से काफी अहम सुराग मिले हैं जिसके वीडियो फुटेज में पुलिसकर्मी मनीष को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। इसे एसआईटी ने अपनी जांच में शामिल कर लिया है। साथ गए रिश्तेदारों ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को फोन करके इसकी जानकारी दी है।

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