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महिला बैंक मैनेजर आत्महत्या मामला, IPS आशीष तिवारी समेत तीन पर FIR

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लखनऊ रामनगरी अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक की अधिकारी श्रद्धा गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के मामले में आइपीएस अधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी राजकुमार गुप्त की पुत्री श्रद्धा गुप्ता के स्वजन शुक्रवार से ही उनको फोन कर रहे थे, लेकिन कोई उत्तर ना मिलने पर जब शनिवार को मकान मालिक को सुबह सूचना दी गई तो कमरे में खिड़की से देखा कि श्रद्धा गुप्ता का शरीर फंदे पर झूल रहा था।

श्रद्धा गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के मामले में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) के हेड आशीष तिवारी, प्रधान आरक्षी अनिल रावत और मृतका के मंगेतर रहे विवेक गुप्ता के खिलाफ श्रद्धा गुप्ता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह महिला बैंक अधिकारी की आत्महत्या के प्रकरण पहली कार्रवाई है। आरोपियों पर श्रद्धा गुप्ता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा 306 लगाई गई है। शनिवार देर रात श्रद्धा के शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के बाद शव स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इस मामले में प्राथमिकी श्रद्धा के पिता राजकुमार गुप्त की ओर से दर्ज कराई गई है। आशीष तिवारी अयोध्या में दीपक कुमार से पहले एसएसपी थे। जिन आइपीएस अफसर आशीष तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, वह योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह के बड़े भाई वीरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ मानी सिंह के दामाद हैं।

लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी राजकुमार गुप्त का कहना है कि श्रद्धा की शादी विवेक गुप्ता के साथ तय हुई थी, लेकिन विवेक का चालचलन ठीक न होने के कारण श्रद्धा ने उससे शादी करने से मना कर दिया था। जिसके बाद विवेक लगातार उसको परेशान कर रहा था। कई बार उन्होंने विवेक को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मान रहा था। राजकुमार गुप्त का कहना है श्रद्धा ने बताया था कि विवेक बड़े बड़े पुलिस अधिकारियों से फोन करा कर उसे परेशान कर रहा है, जिसे लेकर वह काफी तनाव में थी। श्रद्धा के कमरे से मिले सुसाइड नोट में विवेक और पुलिस वालों का जिक्र है। उसकी व्यक्तिगत डायरी में भी विवेक के बारे में लिखा गया है। श्रद्धा गुप्ता की मृत्यु की सूचना पर शनिवार की रात मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, आईजी रेंज केपी सिंह भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और मृतका के स्वजनों से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय भी समर्थकों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद रहे।

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लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी राजकुमार गुप्ता की 30 वर्षीय पुत्री श्रद्धा गुप्ता पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में स्केल वन अफसर थीं। वह यहां शहर के ख्वासपुरा मुहल्ले में किराए का मकान लेकर रहती थी। मृतका के स्वजन दीप ने बताया कि शुक्रवार से ही घर वाले श्रद्धा को फोन कर रहे थे लेकिन कोई उत्तर नहीं मिल रहा था। शनिवार को भी यही स्थिति होने पर मकान मालिक को सूचना दी गई। मकान मालिक ने श्रद्धा के कमरे में लगी खिड़की से देखा तो अंदर उसका शव फंदे से लटक रहा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं कि है। एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि मृतका के स्वजनों की ओर से लगाए गए आरोप और सुसाइड नोट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में जांच चल रही है। सुसाइड नोट के साथ मृतका का मोबाइल फोन भी जांच के लिए सुरक्षित किया गया है।

पांच वर्ष से बैंक की नौकरी कर रही थी श्रद्धा

बैंक कर्मचारियों ने बताया कि श्रद्धा बहुत की जिंदादिल थीं। अपनी मेधा के बल पर उसने कम उम्र में बैंक में स्केल वन अफसर की नौकरी प्राप्त की। विभागीय सहकर्मियों की मानें तो श्रद्धा 2015 से यहां बैंक की नौकरी कर रही है। वह गुरुवार को क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में भी वह शामिल हुई थी। शुक्रवार को वह ड्यूटी पर नहीं आई थी। स्वजन एवं विभागीय लोगों का कहना है श्रद्धा के आत्महत्या प्रकरण की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

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