नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज यशपाल शर्मा के अचानक निधन की खबर से पूरा देश सकते मे है। महज 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से भारतीय क्रिकेट के इस बेहतरीन खिलाड़ी का निधन हो गया। 1983 में भारत को पहली बार विश्व कप विजेता बनाने में यशपाल जी की बेहद अहम भूमिका रही थी। सबके जहन में आज भी उनकी सेमीफाइनल में खेली गई अर्धशतकीय पारी ताजा है जिसने भारत को पहली बार फाइनल का टिकट दिलाया था।
भारतीय टीम ने पहली बार 1983 में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। इस टूर्नामेंट का एक बेहद अहम मुकाबला जहां हार का मतलब था खाली हाथ घर वापस लौटना। सेमीफाइनल वो भी इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ। पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम के कपिल देव, रोजर बिन्नी, मोहिंदर अमरनाथ जैसे गेंदबाजों ने महज 213 रन पर ढेर कर मैच जीतने का मौका बनाया।
यशपाल ने जमाया शानदार अर्धशतक
अंग्रेजों के खिलाफ उन्हीं की धरती पर यशपाल ने विश्व कप सेमीफाइनल जैसे बड़े अहम मुकाबले में दमदार पारी खेली। क्रिस श्रीकांत का विकेट गिरने के बाद इस दिग्गज बल्लेबाज ने मैदान पर कदम रखा। स्कोर महज 50 रन ही था और सामने 214 रन का लक्ष्य। यशपाल ने मोर्चा थामा और पहले मोहिंदर अमरनाथ के साथ 92 रन की साझेदारी निभाई। इसके बाद संदीप पाटिल के साथ मिलकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया। 115 गेंद पर 3 चौके और 2 छक्के की मदद से इस बल्लेबाज ने 61 रन की यादगार पारी खेली।
विश्व कप का धमाकेदार आगाज
टूर्नामेंट के पहले मैच में ही यशपाल के बल्ले से एक ऐसी पारी निकली थी जिसने तमाम टीम को सचेत रहने की चेतावनी दे डाली थी। दो बार के विश्व चैंपियन टीम के खिलाफ इस बल्लेबाज ने 120 गेंद पर 9 चौके जमाते हुए खेली थी 89 रन की पारी जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने 262 रन का स्कोर खड़ा किया था। विंडीज की पूरी टीम 228 रन पर ऑलआउट हुई और भारत ने विश्व कप का आगाज 34 रन की बड़ी जीत के साथ किया। इस मैच में यशपाल को मैन ऑफ द मैच चुना गया था।