अमरोहा। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व पूर्व सांसद चेतन चौहान नहीं रहे। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में रविवार को उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। अमरोहा से सांसद रहे स्व. चौहान यहीं की नौगावां सादात विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। वर्तमान में वह प्रदेश सरदार में होमगार्ड मंत्री थे। अमरोहा को उन्होंने राजनीतिक कर्मभूमि बनाया था। यहीं पर अंतिम समय तक लोगों को बीच रहकर जनसेवा करते रहे।
मूल रूप से बुलंदशहर जिले के गांव अगौता निवासी चेतन चौहान परिवार के साथ बचपन में ही अपने ननिहाल मुरादाबाद जनपद के मूंढ़ापांडे आ गए थे। क्रिकेट से संंन्यास के बाद उन्होंने राजनीति में आकर जनसेवा शुरू की तथा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अमरोहा को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। पार्टी ने उन्हें वर्ष 1991 में अमरोहा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया था। इस चुनाव में उन्होंने हरगोविंद सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी। उसके बाद 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा के प्रताप सिंह सैनी से हार गए थे। जबकि 1998 में हुए चुनाव में बसपा के आले हसन अंसारी को हराकर फिर से सांसद बने थे। सरकार गिरने के बाद वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में वह बसपा प्रत्याशी राशिद अल्वी से पराजित हो गए थे। वर्ष 2009 में पार्टी ने उन्हें दिल्ली से प्रत्याशी बनाया, परंतु दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे से भी वह चुनाव नहीं जीत सके थे। वर्ष 2014 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। जबकि 2016 में केंद्र सरकार ने उन्हें नेफ्ट का चेयरमैन बनाकर उनका रुतबा पार्टी में कायम रखा था। उसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में वह नौगावां सादात विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए तथा अब प्रदेश में कैबिनेट मंत्री थे। बीते माह वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। लिहाजा उन्हें पीजीआइ में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। फिलहाल वह किडनी के संक्रमण से जूझ रहे थे तथा गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उपचार चल रहा था। रविवार दोपहर उनका निधन हो गया। पूर्व क्रिकेटर व कैबिनेट मंत्री के निधन से जिलेभर में शोक की लहर दौड़ गई।