अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद , आज महाराष्ट्र पुलिस द्वारा रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है । अर्णब गोस्वामी की आज बुधवार सुबह उनके निवास स्थान से की गई गिरफ्तारी आपातकाल के दिनों की भांति ही मौलिक स्वतंत्रता पर एक अभूतपूर्व हमला है तथा दुर्भावनावश हुई इस अवैध गिरफ्तारी ने देश में प्रेस स्वतंत्रता पर कुठाराघात किया है । महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया गया यह कृत्य मीडिया स्वतंत्रता तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समाप्त करने की साज़िश है । अर्णब गोस्वामी ने पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की हत्या सहित महाराष्ट्र में घट रही विभिन्न अवांछित घटनाओं पर राज्य सरकार को आईना दिखाया था, इन सब घटनाओं की रिपोर्टिंग पर बदले की भावना से काम करना लोकतांत्रिक सरकारों के लिए अशोभनीय है।
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच के बाद 2018 में हुए आत्महत्या के एक बंद हो चुके मामले को पुनः केवल बदला लेने के लिए सरकार द्वारा खोला जाना निश्चित रूप से महाराष्ट्र सरकार के अलोकतांत्रिक चेहरे को उजागर करता है । महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अर्णब गोस्वामी के साथ की गई मारपीट तथा उनके परिवार के सदस्यों साथ किया गया दुर्व्यवहार आपातकाल के दौर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के क्रूर दमन की भयावह याद दिलाता है ।
अभाविप के प्रदेश मंत्री हुश्यार मीना ने कहा कि ,” अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी महाराष्ट्र में मौलिक स्वतंत्रता के हनन तथा राज्य सरकार के बढ़ते अलोकतांत्रिक चरित्र को उजागर करता है । सावधानीपूर्वक जांच के बाद बंद कर दिए गए मामले को पुनः खोलकर अर्णब की गिरफ्तारी केवल और केवल उन्हें परेशान करने के उद्देश्य को स्पष्ट करती है तथा महाराष्ट्र सरकार द्वारा मीडिया की निडर तथा प्रभावशाली आवाज को धमकाने की कोशिश मात्र है। यह आपातकाल के बुरे दिनों की याद को फिर से ताजा करने वाला है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अर्णब गोस्वामी की शीघ्र रिहाई और असहमति के अवैध अपराधीकरण को रोकने की मांग करती है ।