कानपुर। विकास दुबे और उसके खजांची जय बाजपेई के खिलाफ मकान पर कब्जा करने का एक और मामला प्रकाश में आया है। पीडि़त ने न्यायिक आयोग से गुहार लगाई है।
अशोक नगर निवासी योगेश माकिन ने बताया कि मोतीझील में उनका रेस्टोरेंट था। आरोप है कि उन्होंने अपने मकान में एक किरायेदार रखा था। खाली कराने को लेकर विवाद होने पर अदालत ने उसे बाहर करने का आदेश दिया था। किरायेदार विकास दुबे व जय बाजपेयी के पास पहुंच गया। उन दोनों ने उनके मकान पर कब्जा कर लिया। नजीराबाद पुलिस से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो अदालत के आदेश से मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस कार्रवाई के बजाय उन्हें ही तंग करती रही।
घर में घुसकर लूटपाट तक हुई। इसपर किरायेदार, जय व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन वे फर्जी वसीयत ले आए। इसका मुकदमा भी दर्ज हुआ पर नतीजा नहीं निकला। इसके बाद अदालत में एक याचिका डालकर परिवार के साथ कानपुर से पलायन कर गए थे। वर्तमान में परिवार समेत दिल्ली में रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि न्यायिक आयोग में शिकायत की पर सुनवाई से इन्कार कर दिया, क्योंकि आयोग पुलिसकर्मियों की हत्या व एनकाउंटर की जांच कर रहा है। आयोग ने स्थानीय प्रशासन के पास जाने को कहा है।
दीप खोलेगा विकास की काली कमाई का चिट्ठा
लखनऊ में अदालत में आत्मसमर्पण करने वाले विकास दुबे के भाई दीप दुबे से जेल में पूछताछ करेगी। पुलिस के मुताबिक, दीप ही विकास दुबे के लिए वसूली करता था। उसे उसकी काली कमाई की जानकारी होगी। पुलिस चौबेपुर के ग्रामीणों से दीप के तमाम मोबाइल नंबर इकट्ठे कर रही है। इनकी सीडीआर निकालकर उसे सवालों के भंवर जाल में फंसाकर सच उगलवाया जाएगा।
न्यायिक आयोग भेजी गई रिपोर्ट
पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विकास और उसके चार साथियों की मुठभेड़ से संबंधित एफएसएल रिपोर्ट न्यायिक आयोग को भेजी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, रिपोर्ट में पुलिस मुठभेड़ को क्लीन चिट मिली है। उल्लेखनीय है कि एनकाउंटर को लेकर तमाम सवाल खड़े हुए थे। इससे न्यायिक आयोग की जांच में भी पुलिस का पक्ष मजबूत होगा।
सौरभ भदौरिया के नाम से की फर्जी शिकायत, तहरीर
विकास और जय के खिलाफ शिकायत करने व साक्ष्य देने वाले सौरभ भदौरिया के नाम से फर्जी शिकायत करने का मामला प्रकाश में आया है। उन्होंने बताया कि किसी ने 10 रुपये के स्टांप पेपर पर उनकी फोटो लगाकर एडीजी से बिठूर थानाध्यक्ष कौशलेंद्र ङ्क्षसह की शिकायत की थी। इसमें एसओ पर बिकरू कांड को लेकर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जबकि उन्होंने ऐसी कोई शिकायत नहीं की है। प्रकरण में जांच शुरू होने पर बयान के लिए बुलाए जाने पर जानकारी हुई। सीओ कल्याणपुर को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।