हमारी आंखें दुनिया की खूबसूरत नजारे को दिखाने वाली एक विंडो की तरह होती हैं। इन्हें कैसे संभाल कर रखें, इसके उपाय के बारे में सोचना पड़ेगा। सबसे जरूरी यह है कि कुछ लोगों की आंखों में थकान, चुभन, गड़न होती है। इस तरह की समस्या के लिए आंखों को बार-बार धोना और पानी डालना ठीक नहीं है। जानते हैं आंखों की सुरक्षा से जुड़ी जरूरी बातें।
40 साल बाद जरूर करायें जांच
आंखों की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन कुछ बीमारियां उम्र के साथ आती हैं, जैसे काला मोतिया। अगर आपकी फैमिली में किसी को बीमारी रही हो, तो 40 साल के बाद आपको नियमित अपनी जांच करानी चाहिए। मधुमेह, उच्च रक्तचाप का असर भी आंखों पर आने लगता है। पांच साल से अगर आप बीपी-शुगर के मरीज हैं, तो लगातार चेकअप कराते रहे। इसके अलावा कभी ऐसा महसूस हो कि आंखों के सामने बहुत सारे काले मच्छर आने का एहसास हो या ऐसा लगने लगे कि आंखों के सामने पर्दा गिर रहा है, तो साफ है कि पर्दे में खराबी आ रही है। इसके अलावा एआरएमडी में वीजन के लिए आंखों के सेंट्रल पोर्शन में खराबी आती है। यह 60-70 के पेशेंट में ज्यादा देखा जाता है कि उनमें आंखों के सामने खड़े व्यक्ति को भी ठीक से देख नहीं पाने की शिकायत होती है। यह फ्लोटर की शिकायत होती है। ऐसे मरीजों को रेटिना के डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
बच्चों का हमेशा रखें खास ध्यान
आंखें जब बीमार होती हैं, तो उसके सिम्पटम्स होते हैं। आंखों में दर्द है या आंख बार-बार लाल हो रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों पर दें। वे अपनी आंखों की समस्या के बारे में कुछ बता नहीं पाते। हमेशा आंखें छोटी करके देखते हैं या टीवी एकदम करीब से देखने लगते हैं। ये अच्छे साइन नहीं। ऐसे में तुरंत किसी डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए। आंखों के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से भी लोगों को चुभन-गड़न होते हैं। इस पर लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। इसके अलावा, अगर कोविड हुआ हो और आपको स्टेरॉयड दी गई हो, तो थोड़ा सावधान रहना होगा। कई बार आंखों की परेशानियों को इग्नोर करते हैं, इससे बचें क्योंकि डॉक्टर के पास जाने में अगर ज्यादा देर हो गी तो रोशनी जाने का भी खतरा होता है। इसके अलावा अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री ब्लड प्रेशर या शुगर की हो, तो आपको रूटीन चेकअप कराते रहना चाहिए।
इन बातों का रखें ख़याल
– ड्रायनेस की समस्या न हो, इसके लिए एसी के फ्लो को सीधे आंखों में नहीं पड़ने दें, कूलर की हवा भी सीधे आंखों में नहीं पड़ने दें।
– आंखों को काम करते-करते कम से कम 10 मिनट रेस्ट जरूर देना चाहिए।
– आंखों को बार-बार रगड़ना नहीं चाहिए।
– आंखों की किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, खुद इलाज करने की कोशिश न करें।
– बच्चों को ऐसे खिलौने न दें, जो नुकीले हों, इससे बच्चों की आंखों में चोट लग सकती है और आंखों की काली पुतली फट भी सकती है।