मुरादाबाद। 14 अप्रैल 2008 की सुबह जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ रही थी, उसके साथ ही अमरोहा के बावनखेड़ी में शौकत सैफी के घर जमा भीड़ का मिजाज भी गरमाता जा रहा था। पुलिस बैकफुट पर थी तथा लोग आक्रोशित हो रहे थे। मासूम समेत सात लोगों के कत्ल होने की घटना ने हर किसी को झकझोर दिया था। अकेली बची शबनम के साथ हर किसी की हमदर्दी थी। ‘बेचारी’ कही जाने वाली शौकत की लाडली शबनम के ही हाथ अपनों के खून से रंगे होंगे, किसी को मालूम भी नहीं था। क्योंकि उसने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसी स्क्रिप्ट जो लिखी थी।
शबनम ने बारिश व आंसुओं की बूंदों के सहारे खुद को बेगुनाह साबित करने की भरपूर कोशिश की थी। परंतु सच सामने आया तो बेचारी बनी शबनम सबके लिए घृणा का पात्र बन गई। बावनखेड़ी निवासी एक इंटर कालेज में प्रवक्ता शौकत सैफी का हंसता-खेलता परिवार था। इकलौती बेटी शबनम सबकी लाडली थी। सलीम से प्रेम प्रसंग शुरू हुआ तो चर्चा भी होने लगी। दोनों पर बंदिशें लगीं। प्रेमी सलीम शिक्षामित्र शबनम के स्कूल भी जाने लगा। चोरी-छुपे घर में आकर भी मिलता था। परंतु इश्क में अंधी शबनम ने 14 अप्रैल की रात को प्रेमी के साथ मिलकर परिवार को मौत की नींद सुला दिया था। घटना की जानकारी सबसे पहले शबनम ने ही शोर मचाकर दी थी। मकान के सामने आरा मशीन पर काम करने वाले लोग आ गए। थोड़ी देर बाद ही पुलिस भी पहुंच गई थी। लगभग पांच बजे मीडिया भी शौकत के घर पहुंच गई। घर का मंजर देखकर हर किसी की रूह कांप रही थी। शौकत, पत्नी हाशमी व फुफेरी बहन राबिया के शव एक कमरे में खून से लथपथ पड़े थे। जबकि दूसरे कमरे में भाई राशिद व पत्नी अंजुम के शव के बीच उनके दस माह के बेटे अर्श का शव पड़ा था। जबकि तीसरे कमरे में छोटे भाई अनीस का शव पड़ा था। सिर्फ बिस्तर व फर्श पर ही खून नहीं बह रहा था, बल्कि दीवारों पर भी खून के छींटे दरिंदगी बयां कर रहे थे। दिल दहलाने वाला मंजर था।
पुलिस व लोगों को किया था गुमराह
अकेली बची शबनम के साथ हर किसी की हमदर्दी थी। पुलिस पूछताछ में शुरुआत में शबनम ने बताया था कि रात गर्मी होने की वजह से वह दुमंजले मकान की छत पर सोने चली गई थी। लगभग चार बजे बारिश आने पर वह नीचे आई थी। तब उसे घटना की जानकारी हुई। आंसुओं में भीगी उसकी इस कहानी पर लोगों ने यकीन भी कर लिया। परंतु दो दिन के भीतर ही बेचारी बनी शबनम के खून से सने हाथ लोगों के सामने आ गए। बारिश व घड़ियाली आंसू की बूंदे अपनों के खून में सने हाथ नहीं धो सकीं।
परिवार के सुख्खन पर जता दिया था शक
शबनम ने खुद व प्रेमी को बचाने के लिए पुलिस को खूब गुमराह किया था। चूंकि सात लोगों का कत्ल होने के बाद घर से एक लोहे की कील भी गायब न होने पर पुलिस का शक डकैती की तरफ से हट गया था। रंजिश की तरफ शक की सुई चली तो शबनम से पूछताछ की। उसने परिवार के ही युवक सुख्खन का नाम जमीनी रंजिश बताते हुए पुलिस को बताया था। पुलिस ने सुख्खन को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। हैरत की बात तो यह है कि पुलिस द्वारा सख्त पूछताछ के दौरान सुख्खन ने सातों की हत्या करना भी कबूल कर लिया था। पुलिस को गोली मारकर हत्या करने की बात बताई थी। गला काट कर हत्या किए जाने के मामले में गोली मारने की बात सामने आने पर बेगुनाह होने पर पुलिस ने बाद में छोड़ दिया था।