नीरज शर्मा की खबर
बुलंदशहर। बदलती लाइफ स्टाइल और बिगड़ते खानपान के कारण उम्र से पहले ही हड्डियां कमजोर होने लगी हैं। पुरुषों की हड्डियां पहले 70 वर्ष की उम्र के बाद कमजोर होती थीं लेकिन अब 50 वर्ष की उम्र में खोखली होने लगी हैं, जबकि महिलाओं में आस्टियोपोरोसिस की दिक्कत 45 वर्ष की उम्र के बाद ही आने लगी है।
आर्थोपेडिक सर्जन एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. हिमांशु गौड़ ने बताया कि इंसानी की हड्डियों के भीतर बारीक छेद होते हैं। हड्डी कमजोर होने पर छिद्र की चौड़ाई बढ़ने लगती है। इससे हड्डी कमजोर हो जाती है। इसी बीमारी को आस्टियोपोरिसस कहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों ने शारीरिक श्रम लगभग बंद कर दिया है, क्योंकि अधिकांश कामकाज मशीनों से हो रहा है। साथ ही खानपान पिछले दो दशक में तेजी से बदला है। पहले लोग दूध, दही, मट्ठा, हरी सब्जी, दाल, मीट, अंडा, पनीर सोयाबीन, चने का सेवन करते हैं। अब जंक फूड़ और फास्ट फूड के सेवन ज्यादा कर रहे हैं। अधिकांश लोग सुबह के समय मार्निंग वाक तक करना पसंद नहीं करते हैं। नतीजन हड्डियां कमजोर हो रही हैं। अधिकांश महिलाओं में ये दिक्कत पीरियड्स होने के बाद आती है।
बुढ़ापे में काम आती है कसरत
मानव शरीर में हड्डियों का विकास 30 से 35 वर्ष की उम्र में होता है। इसके बाद 42 से 45 साल तक हड्डियां स्थिर रहती हैं। 45 साल के बाद कमजोर होने लगती हैं। यदि युवा अवस्था यानी 35 की उम्र तक शारीरिक श्रम, व्यायाम के साथ पौष्टिक भोजन लिया जाए तो हड्डी मजबूत हो जाती है और बोन मास बढ़ जाता है। बुढ़ापे में आस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है।
लक्षण
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हल्की चोट पर हड्डियों का टूटना
.शरीर में लगातार थकावट
.हाथ और पांव में दर्द रहना
.कमर में दर्द की शिकायत
सावधानी
.रोजोना कम से कम 15-20 मिनट धूप में जरूर बैठें।
.खाने में कैल्शियम और प्रोटीन शामिल करें।
.40 की उम्र के बाद हल्की चोट पर फ्रैक्चर होने पर बोन डेंसिटी चेक कराएं
.रोजोना 45 मिनट व्यायाम करें या खेलें।
.धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
इन्होंने कहा
जेनेटिक फैक्टर, प्रोटीन, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से भी ये रोग जकड़ता है। ज्यादा ड्रिंक्स के सेवन के साथ स्मोकिंग, डायबीटीज, थायराइड जैसी बीमारियों के साथ महिलाओं में इसका कारण जल्दी पीरियड्स खत्म होना हैं।
-डा. रोहताश यादव-एसीएमओ