भुवनेश्वर। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि पुरी रथ यात्रा स्वास्थ्य से समझौता किए बिना मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ आयोजित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय खंडपीठ में पुरी रथयात्रा को लेकर सुनवाई की। तीन सदस्यीय खंडपीठ में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल थे। पुरी के जिलाधीश बलवंत सिंह ने कहा है कि रथयात्रा को लेकर श्रीक्षेत्र धाम पूरी तरह से तैयार है। सुप्रीम कोर्ट को जो भी निर्देश का अनुपालन किया जाएगा। श्रीजगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक डा. किशन कुमार की अध्यक्षता में स्थानीय नीलाचल भक्त निवास में रथयात्रा को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में जिलाधीश बलवंत सिंह, पुरी एसपी उमाशंकर दास के साथ शहर के तमाम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मिली जानकारी के अनुसार पुरी नगर पालिका ने अस्थाई दुकानदारों से तुरन्त दुकान हटाने का निर्देश दिया है। नागपुर से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए मुख्य न्यायाधीश सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले एकल खंडपीठ में रथयात्रा की सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट के वर्चुअल कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश के बाद मुख्य असीत त्रिपाठी एवं डीजीपी अभय पुरी रवाना हुए। रथयात्रा की तैयारी की पुरी में रहकर समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव असीत त्रिपाठी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
एएसआई ने की तीनों रथों की जांच
एएसआई ने तीनो रथों का जांच की है। एएसआई कोरकमेटी सदस्य एससी पाल ने बड़दांड रथखला में पहुंचकर तीनों रथ महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के नंदी घोष, प्रभु बलभद्र जी के तालध्वज रथ तथा देवी सुभद्रा जी के देव दलन की जांच की है।
श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक तत्काल अस्थाई दुकानों को हटाने का निर्देश
महाप्रभु की रथयात्रा को लेकर एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ श्रीधाम पुरी में जिला प्रशासन पुरी तरह से तत्पर हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक बड़दांड में रास्ते के दोनों तरफ रहने वाली अस्थाई दुकानों को हटाने का अभियान शुरू हो गया है। पुरी नगर पालिका ने अस्थाई दुकानदारों से तुरंत दुकान हटाने का निर्देश दिया है। बड़दांड में बैरिकेड बनाने का काम शुरू हो गया है। वहीं रथयात्रा को लेकर श्रीमंदिर कार्यालय में बैठक भी शुरु हो गई है। बड़दांड से दुकानों को हटाए जाने के बाद भक्तों को विश्वास हो गया है कि अब रथयात्रा निश्चित रूप से होगी। भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है। हालांकि अभी भी सुप्रीम कोर्ट की अंतिम राय पर टिकी हुई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने गजपति महाराज से बात
वहीं दूसरी तरफ देश के गृहमंत्री अमित शाह ने फोन के जरिए पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव के साथ चर्चा की है। यह जानकारी राज्य भाजपा अध्यक्ष समीर महंती ने ट्वीट कर दी है। समीर महंती ने कहा है कि महाप्रभु के अनन्य भक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर गृहमंत्री अमित शाह ने आज गजपति महाराज के साथ महाप्रभु की नीति एवं रथयात्रा को लेकर फोन पर चर्चा की है।
रथयात्रा कराने के लिए राज्य सरकार तैयार
महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा को लेकर एक तरफ जहां देश की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ रथयात्रा को लेकर नीति नियम बदस्तूर जारी है। ओडिशा सरकार की तरफ से रेसीडेंस कमिश्नर संजीव मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविड दिया है कि बिना भक्तों के केवल पुरी में रथयात्रा कराने के लिए राज्य सरकार तैयार है।
परंपरा नहीं रुकनी चाहिए
केन्द्र ने रथयात्रा की इजाजत मांगते हुए कहा सदियों से चली आ रही परंपरा नहीं रुकनी चाहिए। नियमों के साथ सीमित ढंग से जो पुजारी भगवान जगन्नाथ की सेवा मे लगे हैं और जिनका कोरोना टेस्ट निगेटिव है उन्हे रथयात्रा की इजाजत दी जाए। ये लोगों की आस्था का सवाल है।
राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि गजपति महाराज के अनुरोध को विचार करते हुए बिना भक्तों के केवल पुरी में रथयात्रा कराने के लिए राज्य सरकार तैयार है। सुप्रीम कोर्ट यदि अनुमति देता है तो फिर बिना भक्तों के पुरी में रथयात्रा का आयोजन कराने के लिए सरकार तैयार है। गजपति महाराज के प्रस्ताव पर ओडिशा सरकार के बाद अब केन्द्र सरकार ने भी श्रीक्षेत्र धाम पुरी में बिना भक्तों के रथयात्रा कराने को अपना समर्थन दिया है।
बिना भक्तों के पुरी में रथयात्रा आयोजन
रथयात्रा के लिए गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने ओडिशा सरकार को प्रस्ताव दिया है कि बिना भक्तों पुरी में रथयात्रा आयोजन किया जा सकता है। गजपति महाराज के इस प्रस्ताव को पहले ओड़िशा सरकार एवं अब केन्द्र सरकार ने अपना समर्थन दिया है। अब सुप्रीमकोर्ट क्या राय देती है, उस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
वहीं दूसरी तरफ श्रीमंदिर के सेवक ने आज मंदिर में घंटा बजाते हुए तीनों रथों पर आज्ञा माला बिजे किया है। तीनों रथों में आज्ञामाला बिजे किए जाने के बाद तीनों रथों को रथखला से खींचकर श्रीमंदिर के सामने लाने की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। श्रीमंदिर से आज्ञा माला लाते समय एक बार फिर श्रीमंदिर में भक्तिपूर्ण माहौल बन गया था। सबसे पहले प्रभु बलभद्र के रथ पर आज्ञा माला इसके बाद जगन्नाथ जी और फिर सुभद्रा जी के रथ पर आज्ञा डाली गई।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वार्षिक रथ यात्रा मामले का उल्लेख किया और कहा, यह COVID19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक भागीदारी के बिना आयोजित किया जा सकता है।
महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकाली जाएगी या नहीं निकाली जाएगी उस पर आज एक बार फिर देश की सर्वोच्च अदालत में एकल बेंच के सामने 11:00 बजे से सुनवाई हो रही है। ऐसे में आज सुबह से ही जगन्नाथ भक्तों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की तरफ लगी हुई हैं। इतना ही नहीं आज की सुनवाई के दौरान ओडिशा सरकार भी अपना पक्ष रखेगी ऐसे में ओडिशा सरकार सुप्रीमकोर्ट के सामने क्या पक्ष रखती है, उसे लेकर भी लोगों के मन में कौतूहल बना हुआ है।
राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए कोरोना को अब तक नियंत्रण में रखा हुआ है। धार्मिक यात्रा में भक्तों का जमावड़ा होने से जीवन को आपदा के मुंह में डालने जैसा होगा। हालांकि श्रीमंदिर संचालन कमेटी के अध्यक्ष तथा गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने शनिवार को राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर कहा है कि बिना भक्तों के इस साल रथयात्रा करने को अनुमति देने के साथ राज्य सरकार कदम उठाए। इसके साथ ही कोरोना महामारी के लिए सतर्कता स्वरूप शारीरिक दुराव की रक्षा करने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाने को भी अनुरोध किया है। सुप्रीमकोर्ट में कई लोगों ने भी ऐसी ही याचिका दायर की है। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट में आज ओडिशा सरकार अपना पक्ष रखेगी।
गौरतलब है कि 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा इस साल नहीं होगी। काफी समय से कोरोना संक्रमण जैसी महामारी के कारण इस साल रथयात्रा होगी या नहीं उस पर अनिश्चितता लगी हुई थी, जिस पर आज सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई कर यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। सुप्रीमकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता में बैठी तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी। लोगों की सुरक्षा एवं जनहित के लिए रथयात्रा को इस साल बंद करने की बात न्यायाधीश ने कही थी। सुप्रीमकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि यदि सुप्रीमकोर्ट रथयात्रा करने की अनुमति देती है तो फिर भगवान जगन्नाथ हमें क्षमा नहीं करेंगे। केवल पुरी नहीं, बल्कि इस साल पूरे ओडिशा में किसी भी जगह पर रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी।