नई दिल्ली। हाल ही में बेल्जियम की एक बुज़ुर्ग महिला कोविड-19 के दो वेरिएंट से संक्रमित पाई गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इसके अलावा ब्राज़ील में भी दो मामले सामने आए, जिसमें दोनों मरीज़ कोविड-19 के दो अलग वेरिएंट्स से संक्रमित पाए गए। हम जानते हैं कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन किस तरह लोगों के लिए ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो रहे हैं। ऐसे में अगर कोई एक साथ दो अलग वेरिएंट से संक्रमित हो जाए, तो यह कितना ख़तरनाक होता होगा, इसका आप अंदाज़ा लगा सकते हैं।
क्या एक बार में कोविड के दो वेरिएंट्स से संक्रमित होना मुमकिन है?
दो अलग वेरिएंट से संक्रमित होने वाले मामले भले ही दुर्लभ हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि विशेष रूप से श्वसन से जुड़े वायरस में को-इंफेक्शन होना असामान्य नहीं है। इन्फ्लूएंज़ा और हेपेटाइटिस-सी जैसे RNA वायरस आमतौर पर म्यूटेट करते हैं और को-इंफेक्शन का कारण भी बनते हैं।
वायरस समय के साथ विकसित और म्यूटेट होने के लिए जाने जाते हैं, यहां तक कि वे मनुष्य की सेहत के लिए जोखिम पैदा करने के लिए म्यूटेट करते हैं। हालांकि, सभी म्यूटेशन ख़तरनाक नहीं होते, लेकिन जो प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने में सक्षम हो जाते हैं, उनमें संक्रमण का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है।
किन लोगों में बढ़ जाता है डबल इंफेक्शन का ख़तरा?
वैज्ञानिक अब भी कोविड से जुड़े जोखिमों का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन यह बात साफ है कि वैक्सीन से ही कोविड के गंभीर परिणामों और संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है। बेल्जियम की महिला जिनकी कोविड के डबल इंफेक्शन से मौत हो गई, उन्हें कोविड वैक्सीन नहीं लगी थी।
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि टीकाकरण की मदद से भविष्य में कोविड के रूप बदलने और डबल इंफेक्शन के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। जहां तक कोविड-19 के डबल इंफेक्शन की बात है, तो उन लोगों में इसका जोखिम बढ़ जाता है, जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है और दूसरी बीमारियां भी हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।