गर्भाशय की भीतरी लाइनिंग को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। कई बार इसकी सतह अपने आप मोटी होने लगती है और उसमें ट्यूमर की तरह असामान्य सी गांठें उभरने लगती हैं, जो कैंसरयुक्त भी हो सकती हैं, ऐसी शारीरिक अवस्था को एंडोमेट्रियल कैंसर कहा जाता है। वक्त रहते अगर इस पर ध्यान न दिया गया तो यह भयानक रूप ले सकता है। इसलिए इसके बारे में जानें और लक्षणों की पहचान कर वक्त रहते इसे दूर करने की कोशिश करें।
बीमारी के लक्षण, बचाव और ट्रीटमेंट के बारे में एक्सपर्ट ने हमें बताया जिसकी जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं।
प्रमुख लक्षण
– अनियमित या अघिक ब्लीडिंग
– बदबूदार डिस्चार्ज की समस्या
– हर वक्त पेट में दर्द और कमजोरी महसूस होना।
आमतौर पर ये समस्या 40 साल से अधिक उम्र की स्त्रियों को होती है।
क्या है वजह
किसी भी अन्य कैंसर की तरह इसके कारणों पर रिसर्च जारी है।
– आमतौर पर आनुवंशिकता
– खानपान की खराब आदतें
– अनियमित दिनचर्या
– अनिद्रा की समस्या
– डायबिटीज
– ओबेसिटी होने पर इसकी आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
कैसे करें बचाव
संतुलित खानपान, नियमित एक्सरसाइज से बढ़ते वजन को नियंत्रित रखें। पीरियड्स के दौरान कोई भी असामान्य लक्षण नजर आए तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
जांच एवं उपचार
गर्भाशय का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। अगर रिपोर्ट में संदेह हो तो एंडोमेट्रियम की बायोप्सी से यह मालूम किया जाता है कि वहां मौजूद गांठें कैंसरयुक्त हैं या नहीं? अगर रिपोर्ट पॉजिटिव हो तो ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है। सर्जरी के माध्यम से दोनों ओवरीज़ और ट्यूब्स सहित पूरे यूट्रस के निकाल दिया जाता है। फिर जरूरत के अनुसार मरीज को रेडिया या कीमो थेरेपी दी जाती है। उपचार के बाद तीन से छह महीने के भीतर बीमार स्त्री पूरी तरह से स्वस्थ हो जाती है।