कभी कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज रहे पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. कृष्णा 84 साल के हैं और यहां उनकी उम्र का जिक्र इसलिए जरूरी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में देश की युवा शक्ति का विशेष उल्लेख करते हैं. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, ‘भारत ऐसा देश है, जहां 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम उम्र की है. यह युवाओं के सपनों का देश है. उन्हीं के सपनों के लिए है.’
यही नहीं, बागडोर हाथ में आते ही नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में भी 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल नहीं किया. इसी क्रम में मार्गदर्शक मंडल बनाकर लालकृष्ण आडवाणी और मुरलीमनोहर जोशी जैसे दिग्गजों को उसमें समाहित कर दिया गया. बाद में सरकार में शामिल नजमा हेपतुल्ला जैसे वरिष्ठ मंत्रियों से भी इस्तीफा मांग लिया गया. हालांकि कलराज मिश्र अब तक अपवाद हैं. लेकिन खबरें हैं कि उन्हें भी जल्द ही मंत्री पद छोड़ने के लिए कहा जा सकता है. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि माेदी-शाह की जोड़ी द्वारा निर्धारित मापदंडों पर कृष्णा कैसे, क्यों और कहां खरे उतरते हैं?