नई दिल्ली। श्रीसंत ने अपने आक्रामक अंदाज, तेज रन-अप और घातक पेस के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम में एक बेहद प्रभावशाली गेंदबाज के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। केरल का ये तेज गेंदबाज धौनी की अगुआई वाली दो-दो विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी रहे। भारतीय क्रिकेट से बाहर होने से पहले तक उन्होंने टीम इंडिया के लिए 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले थे। उन्होंने टेस्ट में 87, वनडे में 75 और टी20 में 7 विकेट भी चटकाए थे। आइपीएल में वो आखिरी बार राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले थे, लेकिन उससे पहले वो किंग्स इलेवन पंजाब व कोच्चि टस्कर्स केरला के लिए खेले थे।
साल 2013 में उनके करियर में जबरदस्त मोड़ आया और फिक्सिंग के आरोप में उन पर लाइफ टाइम बैन लगा दिया गया। हालांकि उनका बैन सात साल का कर दिया गया, लेकिन वो घटना इस खिलाड़ी को पूरी जिंदगी परेशान करेगा। श्रीसंत ने इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान ये बताया कि किसी तरह से उनकी जिंदगी में नाटकीय बदलाव आए और फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें आतंकी वार्ड में ले जाया गया था। उन्होंने कहा कि वो वक्त उनके लिए गंभीर टॉर्चर जैसा था खासतौर पर जब उन्हें उनके परिवार से दूर कर दिया गया।
श्रीसंत ने कहा कि अगर आप मेरी जिंदगी को देखें तो मैच के बाद हुई पार्टी के कुछ ही सेकेंड के बाद मुझे आतंकी वार्ड में ले जाया गया। मुझे ऐसा लगा कि मुझे बकरा बना दिया गया है। लगातार 12 दिनों तक रोज 16-17 घंटे तक पूछताछ, ये मेरे लिए टॉर्चर था। मैं हमेशा अपने घर और परिवार के बारे में उस वक्त सोचता रहता था। कुछ दिनों के बाद मेरे बड़े भाई मुझसे मिलने आए और तब मैंने जाना कि मेरा परिवार ठीक है। खराब वक्त में मेरे परिवार के सदस्यों ने मुझे मोटिवेट किया और वो हमेशा मेरे पीछे खड़े रहे।
उन्होंने कहा कि हर लड़ाई जिंदगी में अहम है और सभी अपने स्तर पर कोई ना कोई लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला करने से पहले 10 सेकेंड के लिए जरूर सोचें। आप जो भी हासिल करना चाहते हैं उसे हासिल करें, इसका इंतजार नहीं करें कि दुनिया क्या कहती है।