नई दिल्ली। गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने देश में टीकाकरण की धीमी गति पर चिंता जताई है और कहा है कि इस दर से पूरी आबादी का टीकाकरण करने में कई वर्ष लग जाएंगे।
काफी संख्या में लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं लग पा रही
राज्यसभा में सोमवार को पेश गृह मंत्रालय की अनुदान की मांग संबंधी रिपोर्ट पर समिति ने यह भी चिंता जताई कि काफी संख्या में लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं लग पा रही है।
अब तक भारतीय आबादी के एक फीसद से भी कम लोगों का हुआ टीकाकरण
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘समिति ने कोविड-19 के वर्तमान टीकाकरण प्रक्रिया पर गौर किया है और देखा है कि अभी तक भारतीय आबादी के एक फीसद से भी कम लोगों का टीकाकरण हुआ है और इस दर से पूरी आबादी के टीकाकरण में कई वर्ष लग जाएंगे।’
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा- टीकाकरण गंभीर मुद्दा है
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि उसे लगता है कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है कि काफी संख्या में लोगों को टीके की दूसरी खुराक नहीं लग पा रही है, जबकि दुनिया के विभिन्न हिस्से में कोविड-19 के नए प्रकार सामने आ रहे हैं।
लोगों को जितना जल्दी संभव हो कवर करने का प्रयास करना चाहिए
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इसलिए समिति अनुशंसा करती है कि अग्रिम मोर्चो के सभी स्वास्थ्यकर्मी और सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) सहित कोरोना योद्धाओं और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकíमयों को टीके खुराक दी जाएगा। अधिक से अधिक लोगों को जितना जल्दी संभव हो कवर करने का प्रयास किया जाना चाहिए।’
इस साल शुरू हो सकता है जनगणना का काम
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी के चलते साल 2021 की जनगणना के लिए आवासीय स्थितियों और सुविधाओं से संबंधित जमीनी कामकाज में देरी हुई, लेकिन इस साल इसे आरंभ किया जा सकता है। जनगणना का यह चरण अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के बीच किया जाना था लेकिन महामारी की वजह से नहीं किया जा सका। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनगणना के लिए मद वार और वर्ष वार गतिविधियों के बंटवारे के मुताबिक जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के लिए पूर्व जांच की तैयारी कर ली गई है।