नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के प्रमुख शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता और पूर्व सांसद काली पांडे भी कांग्रेस में शामिल हो गए।
दोनों के बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है और कांग्रेस पार्टी से टिकट मांग रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी यादव ने कहा कि वह बिहार में ‘महागठबंधन’ की लड़ाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ले रही हैं, क्योंकि उनके पिता शरद यादव ने हमेशा इसका समर्थन किया है।
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे यह मौका देने के लिए मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को धन्यवाद देती हूं। शरद यादव बिहार चुनाव में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं ले रहे हैं, क्योंकि वह ठीक नहीं हैं। उन्होंने हमेशा ‘महागठबंधन’ का समर्थन किया है। यह मेरी जिम्मेदारी है। इस लड़ाई को आगे बढ़ाएं और बिहार को और ऊंचाइयों तक ले जाएं।
काली पांडे भी हुए कांग्रेस में शामिल
काली पांडे जो कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) से अलग हो गए। कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कहा कि यह उनके लिए एक घर वापसी की तरह है, क्योंकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 1984 में समर्थन दिया था जब वह लोकसभा के सदस्य थे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल होने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस मेरा पुराना घर है और मैं अपने पुराने घर में वापस आकर खुश हूँ। बता दें कि 1980 में काली पांडे ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव जीता और फिर राज्य के गोपालगंज से 1984 का संसदीय चुनाव भी जीता था।
गौरतलब है कि अगस्त 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण शरद यादव को जेडीयू से निकाल दिया गया था। इसी के बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का गठन किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे महागठबंधन का हिस्सा थे और इसी के बैनर तले मधेपुरा से चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।