नोएडा;- 26 मई से धरने पर बेठे बदौली, झट्टा,गुर्जा डेरीन,कोंडली सेक्टर 155,156,157 के किसानो धरना आज 20 वे दिन भी जारी रहा।भारतीय किसान यूनियन अम्बावता का धरना प्रदर्शन जग्गी पहलवाल ने नेतृत्व में 20 दिनों से चल रहा है।धरने में कई गांवों के लोग बैठे है।किसानों की मांग 10 प्रतिशत भूखण्ड,किसानों को 50 प्रतिशत आरक्षण,बची हुई जमीन का मुआवजा नई दर से मिलना चाहिए एवं सभी गांवों की आबादी निस्तारण हो इन सभी मांगों को लेकर किसान पिछले 20 दिनो से 47 डिग्री सेल्सियस में धरना पर बैठे है।आज धरना स्थल पर अम्बावता संघठन के कार्यकर्ता एवं किसानों की बैठक हुई।बैठक में नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानो की अनदेखी को लेकर चर्चा हुई इस बात को लेकर किसानों में रोष है।बैठक में संघठन के पदाधिकारियो व् किसानों ने निर्णय लिया की 27 जून को हल्ला बोल प्रदर्शन किया जाएगा मोनू गुर्जर तुग़लपूर। मेरठ मंडल प्रवक्ता ने बताया कि जिले के किसानों की हालत बहुत ही खराब हुई पड़ी है पूरे जिला गौतम बुद्ध नगर के किसान जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्राधिकरण व सरकार की गलत नीति द्वारा उनका शोषण हो रहा है कोई किसानों की सुध नहीं ले रहा है। इस तरह से किसानों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। मनोज नागर ज़िला मीडिया प्रभारी ने बताया की आगमी शानिवार से नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सभी गांवो में जाकर जनसभाये की जाएँगी और किसानों को जागरुक किया जायेगा।इसी क्रम में शनिवार को बदौली,झट्टा, गुलावली,मोहियापुर एवं रविवार में छपरोली,मंगरोली,याकुदपुर,दलुपुरा झोपडीन,आदि गावो में जनसभाये की जाएँगी।अगर किसानों की मांगे पूरी नही की जाएँगी तो भारतीय किसान यूनियन अम्बावता नोएडा प्राधिकरण का 27 जून को नोएडा प्राधिकरण पर घेराव किया जाएगा। इस मौके पर शोरन प्रधान जी,बाली चाचा जी,नरेश चपरगढ़,कृष्ण नागर,अमित लडपुरा,राजकुमार रूपबास,बलवीर खटाना,विक्रम प्रधान,देशराज,दुर्गेश,अमित अवाना,शेलेन्द्र,अतरा गुर्जा डेरीन,हरी चेची,महेश कसाना,सादी राम बदौली,गोपी कोंडली,रामपाल झट्टा,सुरेन्द्र कसाना,शिवराज प्रधान,रामी शर्मा,अतरसिंह बदौली,गोपी कोंडली,बालकिशन बदौली,विजय गुर्जा डेरीन, बिजेन्द्र बदौली,प्रदीप गुर्जा डेरीन, अमरपाल बदौली,नत्थी बदौली,जीतन हरसाना,एडवोकेट लीलू,सरजीत कसाना,शेरसिंह चेची,विजय शर्मा,धीरे प्रधान,महेश चौहान,डालु शर्मा,सूंदर बदौली,ओमप्रकाश बदौली,जोगिंदर शर्मा,बीर सिंह चौहान,आदि किसान मौजूद रहे।