रक्तदान : पूरे विश्व में WHO के अनुसार हर साल लगभग 118.4 मिलियन ब्लड डोनेशंस एकत्रित होते हैं। भारत से लगभग 11.5 मिलियन ब्लड डोनेशंस प्राप्त होते हैं, जबकि आवश्यकता 13.5 मिलियन ब्लड डोनेशंस की पड़ती है यानी कि लगभग 20 लाख डोनेशंस की फिर भी भारत में कमी रहती है। रक्तदान के प्रति लोगों के बीच तमाम भ्रांतियां हैं जिसके चलते ही यह कमी पूरी नहीं हो पा रही है। तो आइए जानते हैं रक्तदान के फायदे और कौन कर सकता है रक्तदान।
रक्तदान के फायदे
- नियमित ब्लड डोनेशन से कैंसर व दूसरी बीमारियों का खतरा भी कम होता है, क्योंकि यह विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।
- ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो हार्ट के लिए अच्छा है।
- ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है, इससे तंदुरुस्ती भी मिलती है।
- रक्तदान करने से वेट मैनेजमेंट भी संभव होता है।
- रक्तदान करने से शरीर में आयरन की मात्रा कंट्रोल में रहती है। अगर शरीर में आयरन की मात्रा ज्यादा हो गई तो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
- एक शोध में इस बात का दावा किया गया है कि हर तीन महीने में रक्तदान करने से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
डॉ परमप्रीत कौर , कंसल्टेंट- ब्लड सेंटर, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, पालम विहार, गुड़गांव का कहना है कि, “महामारी और वैक्सीनेशन की वजह से आने वाले महीनों में रक्तदान करने वाले लोगों में कमी होने की आशंका को जन्म दिया है। ब्लड की बढ़ती मांग और रक्तदान करने वालों की संख्या कम होने से भारत पहले से ही ब्लड यूनिट्स की भारी कमी का सामना कर रहा है और आने वाले महीनों में यह कमी और ज्यादा हो जायेगी। राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन होने के नाते ब्लड कैम्प कम लग रहे हैं, जिससे ब्लड यूनिट्स की संख्या में भी कमी हो रही है। यह नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (एनबीटीसी) द्वारा जारी परामर्श दिया था कि रक्तदान की सर्विस को उचित सावधानी के साथ जारी रखना चाहिए, फिर भी रक्तदान में कमी आई।
जब सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीन लगाने की घोषणा की, तो NBTC ने पहले आदेश जारी किया था कि कोई व्यक्ति “कोविड-19 वैक्सीन की अंतिम डोज लगवाने के 28 दिनों के बाद” ही रक्तदान करने के काबिल हो सकता है। चूंकि इस 28 दिन के समय पर कई चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा सवाल उठाया गया था, कोविड-19 के लिए वैक्सीन लगवाने पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने अब नई सलाह दी हैं कि जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के 14 दिनों के बाद रक्तदान कर सकता है या कोविड से ठीक होने और RT-PCR टेस्ट के निगेटिव आने 14 दिन बाद वह रक्तदान कर सकता है।”
ये लोग कर सकते हैं रक्तदान
- 18 से 65 साल के सभी स्वस्थ लोग
- डोनेशन के दौरान बॉ़डी टेम्प्रेचर और पल्स नार्मल होनी चाहिए।
- 45 किलो से ज्यादा वजन वाले लोग
- वह महिलाएं जिन्होंने बच्चे को अपना दूध पिलाना बंद कर दिया हो। या फिर जिनकी। डिलीवरी हुए एक साल हो चुका हो।
- ब्लड डोनेशन के 15 दिन पहले तक कालरा, टायफाइड, टिटनेस आदि टीके न लगवाए हों।
- सामान्य बीपी वाले लोग, जिनका हीमोग्लोबीन 12.5 ग्राम से ज्यादा हो।
- डोनेशन से तीन महीने पहले तक मलेरिया का इलाज न चला हो।
- रेबीज का टीका लगवाने के एक साल के बाद
- डोनेशन से 12 महीने पहले तक कोई सर्जरी न करवाई हो।
- डोनेशन से छह महीने पहले तक कोई टैटू न गुदवाया हो।
- हेपेटाइटिस-बी, सी, लेप्रोसी, टीबी या एचआईवी न हो।
- किसी प्रकार का कैंसर या हार्ट डिसीज़ न हो।
- ड्रग एडिक्शन, जेनिटल अल्सर या डिस्चार्ज की प्रॉब्लम न हो।
- एपीलेप्सी, अस्थमा, थैलीसीमिया, ब्लीडिंग डिसऑर्डर न हो।
- डायबिटीज है, लेकिन ओरल दवा चर रही है और शुगर कंट्रोल में है, इंसुलिन लेने वाले पेशेंट्स नहीं।