लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने भले ही बिजली की दरों पर अभी फैसला नहीं सुनाया है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोरोना काल में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए बिजली की दरों में किसी भी तरह से कोई इजाफा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जनहित के प्रति संकल्पित है। कोरोना के इस दौर में जनता को अधिक से अधिक सुविधा व राहत देने के लिए प्रतिबद्धतापूर्वक काम कर रही है।
कोविड प्रबंधन के संबंध में गठित टीम-9 की शुक्रवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हाल के दिनों में बिजली की दरों को लेकर भ्रम की स्थिति दिखी है। उन्होंने अफसरों से प्रदेशवासियों को आश्वस्त करने को कहा कि किसी भी दशा में बिजली की दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान प्रदेशवासियों को राज्य सरकार अधिक से अधिक सुविधा व राहत देने में पूरी तरह से जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बिजली की दर न बढ़ाए जाने की घोषणा को सराहनीय ठहराते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उनके द्वारा आयोग में दाखिल किए गए कोविड राहत टैरिफ को लागू कर मौजूदा दरों में कमी की जाए, ताकि कोरोना काल में उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।
गौरतलब है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिजली दरों के संबंध में आयोग ने हाल ही में अंतिम सुनवाई की है। बिजली कंपनियों ने सीधे तौर पर तो बिजली की दरों में इजाफे का कोई प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल नहीं किया है, लेकिन 12 फीसद तक रेग्यूलेटरी सरचार्ज व स्लैब परिवर्तन के जरिये वह उपभोक्ताओं का बिजली खर्च बढ़ाकर अपनी आय जरूर बढ़ाना चाहती हैं।
हालांकि, उपभोक्ता परिषद ने उपभोक्ताओ का कंपनियों पर लगभग 19,537 करोड़ रुपये निकलने के एवज में मौजूदा दरों को ही कम करने का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया है। आयोग ने परिषद के प्रस्ताव पर पावर कार्पोरेशन से जवाब मांगा है। वर्मा ने बताया कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आश्वस्त किया है कि उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए, बिजली कंपनियों को बिलिंग सिस्टम सही करने और लाइन हानियां घटाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।