दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते देशभर में कोरोना टीकाकरण अभियान तेज कर दिया गया है। इससे पहले कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी। उस समय टीकाकरण चरणबद्ध तरीकों से दिया जा रहा था। पहले चरण में कोरोना वारियर्स और वरिष्ठ नागरिकों को टीका दिया गया। दूसरे चरण में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका दिया जा रहा है। इस दौरान कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी।
इससे संक्रमितों की संख्या में अचानक बड़ी तेजी से बढ़ोत्तरी होने लगी। साथ ही मृत्यु दर भी बढ़ गई। उस समय सरकार ने 1 मई से 18 वर्ष के अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना टीका देने की घोषणा की। तभी से देश के सभी नागरिकों को (जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हैं) कोरोना टीका दिया जा रहा है। हालांकि, कोरोना टीका को लेकर लोग असमंजस में हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पर कई भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
कुछ तथ्यों में दावा किया जाता है कि मासिक धर्म शुरू होने से पांच दिन पहले, मासिक धर्म के दौरान और मासिक धर्म खत्म होने के 5 दिन बाद तक वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। इन अफवाहों पर विराम लगाने के लिए लिए सरकार ने नवीनतम गाइडलाइन जारी की है। इससे पहले भी सरकार ने गाइडलाइन जारी कर लोगों को सोशल मीडिया पर फैल रहे अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी थी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
सरकार ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान एक एडवायजरी कर सोशल मीडिया पर फैले भ्रामक तथ्यों और दावों को ख़ारिज किया था, जिसमें कहा गया था कि मासिक धर्म के दौरान टीका लेना सुरक्षित नहीं होता है। सरकार ने कहा था कि मासिक धर्म का कोरोना वैक्सीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
सरकार ने नवीनतम गाइडलाइन जारी कर अन्य तथ्य को भी सिरे से खारिज किया है, जिसमें कहा जाता है कि मासिक धर्म के दौरान और मासिक धर्म खत्म होने तक वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। एक्सपर्ट्स ने सोशल मीडिया पर फैले भ्रामक दावों पर यकीन न करने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं टीका लगवा सकती हैं। इसके अलावा, कोरोना गाइडलाइन का जरूर पालन करें। इसके लिए घर से बाहर निकलते समय डबल मास्क लगाएं। सर्जिकल मास्क ही पहनें। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन और साफ-सफाई का पूरा ख्याल करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।