बिजनौर। शहर में दिनदहाड़े जिस स्थान पर हत्या की वारदात हुई, उसे लेकर हर कोई हैरान है। चारों ओर आबादी, सौ मीटर दूर पुलिस चौकी और नजदीक में घर। फिर भी बबली की चीख स्लीपरों के ढेर के बीच दबकर रह गई। वह बचाव- बचाव की गुहार लगाती रही गई। पुलिस को खिलाड़ी की आवाज की रिकार्डिंग उसके दोस्त से बरामद हुुुुई है। क्राइम सीन पर बिखरे कागजात और खाने का खाली टिफिन भी वारदात को उलझा रहा है। मृतका का मोबाइल भी गायब है। बड़ा सवाल यह भी है कि दिन के उजाले में हुई दुस्साहसिक वारदात को न किसी ने देखा और न ही किसी को युवती की चीख सुनाई पड़ी।
नेशनल खिलाड़ी बबली किसी कालेज में जाब तलाश कर रही थी। उसे शुक्रवार को बैराज रोड स्थित डीडीपीएस में बायोडाटा देना था। वह बैग में शैक्षिक डाक्यूमेंट लेकर पैदल ही घर से निकली थी। घर के पास ही रेलवे की जमीन में अतिरिक्त स्लीपर रखे हुए हैं। उनके बीच से निकलते हुए उसे रेलवे स्टेशन से ई-रिक्शा से स्कूल जाना था। अक्सर कुटिया कालोनी के लोग इस शार्टकट रास्ते से निकलकर रेलवे स्टेशन से ई-रिक्शा पकड़ लेते हैं। दो बजे के करीब उसके भाई ने बबली का मोबाइल नंबर मिलाया तो वह बंद आया। तभी उन्हें पारिवारिक ताई ने खबर दी कि बबली यहां पड़ी हुई है।
बबली को स्लीपर के बीच की गली से खींचकर अंदर ले जाया गया था। इस दौरान कातिल उससे जोर-जबरदस्ती की। उसके बाल बिखरे हुए थे। हाथों पर खरोंच के निशान थे। मौका ए वारदात से पता चलता है कि युवती ने हत्यारों से काफी संघर्ष किया। बबली को काबू करने के लिए उसके साथ मारपीट की गई। उसके मुंह में खून निकल रहा था और उसका दांत भी टूटा हुआ है। जिस स्थान पर बेरहमी से कत्ल हुआ है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सौ मीटर दूरी पर आरपीएफ पुलिस चौकी और रेलवे स्टेशन है। शव मिलने के 20 मीटर दूर कॉलोनी है। करीब ही युवती का घर है। बचने के लिए बबली ने शोर मचाया होगा, लेकिन किसी को भनक नहीं लगी।
पिता शुगर मिल में कर्मचारी
बबली अनुसूचित जाति से थी। उसके पिता ऋषिपाल शुगर मिल में काम करते हैं। उसकी एक बड़ी बहन ललिता, छोटे भाई राघव और नितिन हैं। ललिता की शादी हो चुकी है।