गुरुकुल के इस छात्र ने अपनी छोटी सी बाल्य अवस्था में ही विश्व के अनेको बड़े बड़े देशों में जाकर अपने ज्योतिष ज्ञान से लोगों का मार्गदर्शन करने वाले छात्र का पूरा नाम विकास नौटियाल है इनका जन्म उतराखंड के एक छोटे से गाँव में हुआ , इनके दादा जी तेजस्वी ज्योतिषाचार्यथे जिनकी प्रेरणा से इनको भी बाल्य अवस्था से ही धार्मिक कार्यों में रुचि रही इनकी इसी जिज्ञासा को देख कर इनके परिवार वालों ने ईनेह हरिद्वार के एक गुरुकुल में भेजा , कहा इन्होंने ने वेद पुराणों का अध्यंन किया तथा संस्कृत को ही अपना जीवन मान कर उतरमध्यमा तक गुरुकुल की शिक्षा प्राप्त की , उसके उपरांत यह अपनी आगे की शिक्षा के लिए दिल्ली के श्री लाल बहादुरशास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विध्यपीठ आए ,जहाँ इन्होंने ने ज्योतिष वास्तु विषय में शास्त्री आचार्य जैसी उपाधियाँ प्राप्ति की वर्तमान समय में यह इसी विध्यालय में शोध छात्र है इन्होंने ज्योतिष वास्तु विषय में अनेको शोध किए है , यह ज्योतिष को एक विज्ञान मानते है ओर इसे विज्ञान के रूप में सिंध करने के लिए अपना पूर्ण प्रयास कर रहे है ! यह कहते है जो लोग कहते है हम ज्योतिष को मानते नहीं , सच्च तो यह है वह ज्योतिष को जानते नहीं, जिस दिन वहाँ ज्योतिष को जान जाएँगे , मुझे पूर्ण विश्वास है वह ज्योतिष विज्ञान को माँजाएँगे! यह कहते समाज में कुछ ज्योतिषियों ने इसे भ्रष्ट कर दिया है जिसकी वजाह से ज्योतिष लोगों की नज़रो में पाखंड बन गया है परन्तु यह एक पूर्ण विज्ञान है लोगों को इसकी वास्तविकता को समझना होगा तभी वह एक योग्य ज्योतिषी का चयन कर सकता है, आपका ज्योतिषी ग़लत हो सकता है परन्तु ज्योतिष कभी ग़लत नहीं हो सकती बेशरते उसे समझाने वाला ज्ञानी होना आवश्यक है