ग्रेटर नोएडा। शहर की स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदलने के लिए मंगलवार को ग्रेनो प्राधिकरण और सूर्या रोशनी कंपनी के बीच अनुबंध हो गया। कंपनी एक साल में 54 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाएगी और पहले से लग चुकी 16 हजार स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव भी करेगी। कंपनी पर सात साल तक स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का जिम्मा है। इस पर करीब 48 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण, एसीईओ दीपचंद्र व अमनदीप डुली की मौजूदगी तथा सूर्या रोशनी के प्रतिनिधियों के साथ अनुबंध किया गया। सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि स्मार्ट एलईडी लाइट लग जाने से मौजूदा खर्च की तुलना में आधी बिजली से ही ग्रेनो की सड़कें रोशन रहेंगी। ग्रेनो का यह मॉडल पूरे देश में अपनाया जाएगा। अब एक ही वेंडर पूरे शहर की स्ट्रीट लाइट का जिम्मा संभालेगा। स्मार्ट एलईडी लाइट का पहला फेज दिवाली पर शुरू करने का लक्ष्य दिया गया है।
अनुबंध पत्र सौंपने के मौके पर सूर्या रोशनी के बिजनेस हेड प्रोफेशनल लाइटिंग वी राजेंद्र सेन ने कहा कि जिस तेजी से ग्रेनो प्राधिकरण में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है, उतनी तेजी किसी और शहर में नहीं दिखी।
हर एलईडी लाइट का होगा कोड
ग्रेनो में लगने वाली हर स्मार्ट एलईडी लाइट का एक कोड होगा। एक तरह से हर लाइट का एक आधार नंबर होगा, जिसके जरिए कंट्रोल रूम से पता चल सकेगा कि कौन सी स्ट्रीट लाइट जल रही है और कौन सी खराब है। खराब स्ट्रीट लाइट को तत्काल ठीक किया जा सकेगा।
ऊर्जा भी बचेगी, बिल भी कम आएगा
एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से देश की ऊर्जा भी बचेगी और बिजली का बिल भी आएगा। वर्तमान में लगी स्ट्रीट लाइटों से साल भर में करीब 30 मिलियन यूनिट बिजली खर्च होती है। एलईडी लग जाने से 15 मिलियन यूनिट ही खर्च होने का आकलन है। दूसरे, साल भर में करीब 30 करोड़ रुपये बिजली का बिल आता है। इसके बाद करीब 15 करोड़ रुपये ही बिल आने का आकलन है।