ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी इरोज संपूर्णम् सोसाइटी के सैकड़ों निवेशकों ने बिल्डर्स के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए सोसाइटी परिसर में चूल्हा-चौका रखकर खाना बनाया जिसके बाद सभी लोगों ने सोसाइटी में फैली परेशानियों के बारे में इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया।
हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए यह उन लोगों की तस्वीर है जिन्होंने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए निवेश किया था लेकिन जो वादे इन निवेशकों से किए गए बिल्डर ने उनको पूरा नहीं किया। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी इरोज संपूर्णम् सोसाइटी में सैकड़ों निवेशकों ने इकट्ठा होकर सोसाइटी परिसर में चूल्हा-चौका रखकर बिल्डर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। निवेशकों का आरोप है कि सोसाइटी में बने घर अब रहने लायक नहीं है यही वजह है कि वह अब घर के बाहर चूल्हा-चौका रखकर खाना बनाने को मजबूर है। निवेशक का आरोप है कि जब भी वह आवाज उठाते हैं तो उन्हें जान से मारने की धमकी बिल्डर अनिल सूद और अमन सूद देते हैं ऐसे में विरोध प्रदर्शन करना उनके लिए जान जोखिम में डालने के बराबर है ।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी इरोज सम्पूरम सोसाइटी में सैकड़ों लोगों ने अपने आशियाने की तलाश में यहां निवेश किया था बिल्डर ने हसीन सपने भी दिखाएं इसी के चलते 300 से ज्यादा परिवार इस सोसाइटी में रहने लगा लेकिन बिल्डर के दावे और वादों में फर्क दिखने लगा नतीजा यह हुआ कि सोसाइटी में लोगों को गंदा पानी मुहिया कराया जा रहा है इसके अलावा सिक्योरिटी का भी कोई इंतजाम नहीं है छोटी-छोटी दीवारों होने की वजह से अक्सर घटनाएं भी होती रहती हैं इसके अलावा सबसे बड़ी लापरवाही फायर विभाग की नजर आ रही है जिससे सोसाइटी में 1 सप्ताह पहले लगी एक फ्लैट में आग लग गई लेकिन आग बुझाने के लिए सोसाइटी में लगे उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे थे जैसे तैसे आग पर काबू पाया गया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर सोसाइटी में फायर इक्विपमेंट काम नहीं कर रहे हैं तो फिर बिल्डर को एनओसी आखिर किस आधार पर दी गई लोगों का आरोप है कि बिल्डर और फायर विभाग की मिलीभगत की वजह से बिल्डर ने एनओसी हासिल की है वही सोसाइटी में लिफ्ट भी पूरी तरह से काम नहीं कर रही हैं अक्सर लिफ्ट में बढ़े और बच्चे खराब होने की वजह से बीच में ही फंस जाते हैं जान जोखिम में डालकर लोग इरोज संपूर्ण सोसाइटी में रहने को मजबूर हैं। इसके अलावा सोसाइटी में खुले में ही जनरेट लगा रखा है जो कि एनजीटी के आदेशों का खुला उल्लंघन है सबकुछ खुलेआम चलने के बावजूद बिल्डर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होना निवेशकों के हौसले पस्त कर रहा है सूबे में सरकार भले ही बदल गई हो दाबे बिल्डरों पर कार्यवाही के किए जा रहे हो लेकिन हकीकत कहीं जुदा है तस्वीर जिस तरह से पहले सरकार में थी इस सरकार में भी कमोबेश यही नजर आ रही है।
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