हांगकांग। पूरे विश्व में कोरोना महामारी फैलाने के बड़े आरोपों के बाद चीन अब नए विवादों में घिर गया है। दरअसल, चीन के एक परमाणु प्लांट में करीब एक हफ्ते पहले रिसाव होने की शिकायत सामने आई थी। जिसे चीन ने दुनिया से छिपा रहा है। हांगकांग के एक नेता ने कहा कि ऐसी खबरें मिलने के बाद उनकी सरकार चीन के गुआंगदोंग प्रांत के ताइशन शहर में मौजूद परमाणु प्लांट पर बराबर नजर रख रही है। इस शहर में आबादी करीब 10 लाख है।
चीन के गुआंगदोंग प्रांत के ताइशन शहर में स्थित परमाणु प्लांट हांगकांग से महज 135 किलोमीटर दूर है। हालांकि यहां सोमवार की रात तक हांगकांग में विकिरण की कोई स्थिति नहीं है।
ताइशन की आबादी पर तो तबाही का खतरा मंडरा ही रहा है। हालांकि अभी तक लीक की भयावहता को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। जबकि प्लांट के आपरेटरों ने कुछ ब्योरे दिए लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उनसे मिली जानकारी के आधार पर कहा जा सकता है कि एक परमाणु रिएक्टर में फ्यूल राडों से गैस लीक हो सकती है। सीएनएन की रिपोर्ट में भी परमाणु प्लांट में लीकेज होने का दावा किया गया है। ताइशन प्लांट में दिसंबर, 2018 से कर्मिशियल आपरेशन शुरू हुए थे। इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि उनके परमाणु प्लांट में सुरक्षा को लेकर कोई चिंताजनक स्थिति नहीं है। विकिरण स्तर में भी कोई असामान्यता नहीं देखी गई है।
चीन के न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुए लीकेज का मामला उजागर होने के बाद अब एक नई बात सामने आई है। इस परमाणु संयंत्र के निर्माण में चीनी कंपनी जनरल न्यूक्लियर पावर ग्रुप (सीजीएन) के साथ हिस्सेदार फ्रांस की बिजली कंपनी ईडीएफ ने साफ किया कि उसे इस प्लांट में अज्ञात गैसों की जानकारी मिली थी। फ्रांस की ऊर्जा कंपनी का कहना है कि ताइशन के रिएक्टर नंबर एक से रिसाव हुआ चूंकि असामान्य गैसों की सघनता बढ़ गई थी।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी करनेवाली संस्था ने कहा कि वह इस मुद्दे से वाकिफ है और वह चीन से आधिकारिक जानकारी लेने के लिए उसके संपर्क में है। अमेरिका ने संभावित रेडियोलाजिकल खतरे की चेतावनी भी दी थी। लीकेज के बाद कंपनी ने प्लांट पर ही डाटा की समीक्षा के लिए सीजीएन के साथ बैठक बुलाई थी। बता दें कि फ्रांस की कंपनी के आग्रह पर इस मामले की अमेरिका भी जांच कर रहा है।