नई दिल्ली। भारत ने चीन से एकबार फिर कहा है कि वह सीमाई इलाकों में शांति बहाली के लिए ईमानदारी से समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई हालिया बैठक में दोनों पक्षों की ओर से एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई गई थी। ऐसे में हम चीनी पक्ष से अपेक्षा करते हैं कि वह ईमानदारी से समझौतों और प्रोटोकॉल का अनुपालन करेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली के प्रयास सुनिश्चित करेगा।
बता दें कि बीते दिनों सैन्य अधिकारियों के स्तर पर हुई बातचीत में भारत ने साफ कर दिया था कि गतिरोध खत्म करने के लिए विश्वास बहाली के उपायों के तहत चीन को एलएसी से अपने सैनिकों को पीछे हटाना ही पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो लद्दाख के अग्रिम मोर्चो पर दोनों पक्षों के अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती में भारी इजाफा करने के बावजूद सैन्य और कूटनीतिक स्तरों पर वार्ता का सिलसिला जारी रखने पर दोनों सहमत हैं। हालांकि गलवन घाटी में भारत कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है। भारत ने सेना की तैनाती बढ़ाने के साथ ही पैंगोग त्सो लेक इलाके में नौसेना की विशेष पेट्रोलिंग नावें भी लद्दाख भेजी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने चीनी एप्स को बैन करने के मामले में कहा कि विदेशी टेक कंपनियों को भारत में परिचालन करने के दौरान संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा जारी किए गए नियम कानूनों का अनुपालन करना पड़ता है। ये नियम आम लोगों की डेटा सुरक्षा और उसकी गोपनीयता से संबंधित हैं। सरकार ने इन मामलों के अनुपालन में खामियों को लेकर ही कार्रवाई की है।
बीते दिनों भारत ने TikTok समेत 59 ऐप्स को बैन करके चीन को बड़ा झटका दिया था। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि इनसे भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा था। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से TikTok समेत 59 चीनी ऐप्स बैन किए जाने से चीन को कम से कम 6 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने पाकिस्तान के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने कराची में हुए आतंकी हमले के पीछे भारत की साजिश का होना बताया था। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को साफ लफ्जों में यह समझा दिया कि वह अपनी घरेलू समस्याओं के लिए भारत पर दोषारोपण नहीं कर सकता है। बता दें कि बीते दिनों कराची में स्टाक एक्सचेंज पर हुए आतंकी हमले में चार आतंकियों समेत 11 लोग मारे गए थे। इस पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि यह हमला भारत ने कराया है।